ETV Bharat / state

ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा इस ग्लेशियर लेक का क्षेत्रफल, त्रासदी का कारण बन सकती है ये खूबसूरत झील - Ghepang Glacier Lake

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 7:06 PM IST

Ghepang lake area increased: उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार की अगुवाई में एक्सपर्ट टीम ने घेपांग घाट गलेशियर झील का मुआयना किया. 'घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है.

घेपांग ग्लेशियर झील
घेपांग ग्लेशियर झील (ईटीवी भारत)

लाहौल स्पीति: सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है, जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है. खतरे को देखते हुए उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार की अगुवाई में एक्सपर्ट टीम ने घेपांग घाट गलेशियर झील का मुआयना किया.

लिहाजा किसी खतरे से पहले आपदा न्यूनीकरण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए कार्य योजना भी तैयार की जा रही है. उपायुक्त लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया 'घेपन झील एक्सपीडिशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया. एक्सीपिडीशन के दौरान टीम ने घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की, जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड विड्थ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जियोलॉजिकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई.'

उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया 'घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी, ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके. भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जलग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है. लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की है. उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चार बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया है'

उपायुक्त ने यह भी बताया 'घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है. लिहाजा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है. 25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया. इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे.'

ये भी पढ़ें: पहाड़ी राज्य हिमाचल ने शिक्षा के क्षेत्र में कमाया 'पहाड़' जैसा नाम, फिर सरकारी स्कूलों को क्यों लगा 'ग्रहण'

लाहौल स्पीति: सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है, जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है. खतरे को देखते हुए उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार की अगुवाई में एक्सपर्ट टीम ने घेपांग घाट गलेशियर झील का मुआयना किया.

लिहाजा किसी खतरे से पहले आपदा न्यूनीकरण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए कार्य योजना भी तैयार की जा रही है. उपायुक्त लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया 'घेपन झील एक्सपीडिशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया. एक्सीपिडीशन के दौरान टीम ने घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की, जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड विड्थ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जियोलॉजिकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई.'

उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया 'घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी, ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके. भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जलग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है. लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की है. उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चार बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया है'

उपायुक्त ने यह भी बताया 'घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है. लिहाजा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है. 25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया. इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे.'

ये भी पढ़ें: पहाड़ी राज्य हिमाचल ने शिक्षा के क्षेत्र में कमाया 'पहाड़' जैसा नाम, फिर सरकारी स्कूलों को क्यों लगा 'ग्रहण'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.