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बदले डेंगू के लक्षण, अब बुखार से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का बढ़ा खतरा

राजस्थान में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल. बदले लक्षण, अब सामान्य बुखार होने पर भी लें चिकित्सकों से परामर्श. बढ़ा मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा

Jaipur SMS Hospital
बदले डेंगू के लक्षण (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 7, 2024, 7:49 PM IST

जयपुर : राजस्थान में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक प्रदेश में डेंगू के 5000 से अधिक केस सामने आ चुके हैं. खास बात यह है कि इस बार डेंगू के जो मरीज सामने आ रहे हैं उन मरीजों में डेंगू के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं. यहां तक कि डेंगू पॉजिटिव होने के बाद भी मरीजों में प्लेटलेट्स सामान्य बनी हुई है. वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य बुखार होने पर भी डेंगू हो सकता है और टेस्ट के बाद ही डेंगू कंफर्म हो रहा है.

जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी अचानक डेंगू के मामले में बढ़ोतरी हुई है. डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि आमतौर पर डेंगू से पीड़ित होने पर मरीज में प्लेटलेट्स गिरना शुरू होती है और लीवर पर भी इसका असर होता है. जबकि कुछ मरीजों में प्लेटलेट्स डाउन नहीं हो रही है, लेकिन डेंगू अन्य ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचा रहा है.

एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - राज्य में 5 हजार के पार पहुंचे डेंगू के केस - Dengue Threat In Rajasthan

कैपिलरी लीकेज का खतरा : डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि डेंगू से पॉजिटिव होने के बाद मरीज में कैपिलरी लीकेज का खतरा बढ़ जाता है. कैपिलरी लीकेज में प्लाज्मा छोटी रक्त वाहिकाओं से बाहर निकलने लगता है. इससे हार्ट के आसपास पानी भरने का खतरा होता है. इसके साथ ही फेफड़े और पेट में भी पानी भर सकता है. साथ ही डेंगू के कारण मल्टी ऑर्गन फैलियर के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि जब भी तेज बुखार हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना काफी जरूरी है.

सामने आए 5 हजार से अधिक मामले : राजस्थान में मौजूदा डेंगू की स्थिति की बात करें तो आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. अब इस बीमारी से मौत भी हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक प्रदेश में डेंगू के 5719 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीमारी से दो मरीजों की मौत हो चुकी है और इसे चिकित्सा विभाग ने दर्ज किया है. सर्वाधिक 705 मामले उदयपुर से देखने को मिले हैं. इसके अलावा बीकानेर से 378, दौसा से 290, जयपुर शहर से 656, जयपुर ग्रामीण से 424, कोटा से 217 और टोंक से 203 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही कोटा और जयपुर ग्रामीण में एक-एक मरीज की मौत दर्ज की गई है. वहीं, मलेरिया के भी अभी तक 1179 मामले सामने आ चुके हैं.

डेंगू से महिला की मौत : जयपुर के चाकसू में बारिश का दौर खत्म होने के बाद भी डेंगू, मलेरिया और वायरल मौसमी बीमारियों का संक्रमण तेजी से पसरा है. इसी बीच चाकसू में एक महिला की डेंगू से मौत की खबर सामने आई. पूर्व नगरपालिका चेयरमैन अब्दुल हमीद खोखर ने बताया कि उनकी रिश्तेदार वार्ड 7 के करार खनियान मोहल्ला निवासी रसीदा बेगम की डेंगू से मौत हो गई. मृतका को इलाज के लिए चाकसू के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर उसे परिजन जयपुर के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां रसीदा बेगम की रविवार रात को अस्पताल में मौत हो गई.

जयपुर : राजस्थान में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक प्रदेश में डेंगू के 5000 से अधिक केस सामने आ चुके हैं. खास बात यह है कि इस बार डेंगू के जो मरीज सामने आ रहे हैं उन मरीजों में डेंगू के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं. यहां तक कि डेंगू पॉजिटिव होने के बाद भी मरीजों में प्लेटलेट्स सामान्य बनी हुई है. वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य बुखार होने पर भी डेंगू हो सकता है और टेस्ट के बाद ही डेंगू कंफर्म हो रहा है.

जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी अचानक डेंगू के मामले में बढ़ोतरी हुई है. डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि आमतौर पर डेंगू से पीड़ित होने पर मरीज में प्लेटलेट्स गिरना शुरू होती है और लीवर पर भी इसका असर होता है. जबकि कुछ मरीजों में प्लेटलेट्स डाउन नहीं हो रही है, लेकिन डेंगू अन्य ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचा रहा है.

एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - राज्य में 5 हजार के पार पहुंचे डेंगू के केस - Dengue Threat In Rajasthan

कैपिलरी लीकेज का खतरा : डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि डेंगू से पॉजिटिव होने के बाद मरीज में कैपिलरी लीकेज का खतरा बढ़ जाता है. कैपिलरी लीकेज में प्लाज्मा छोटी रक्त वाहिकाओं से बाहर निकलने लगता है. इससे हार्ट के आसपास पानी भरने का खतरा होता है. इसके साथ ही फेफड़े और पेट में भी पानी भर सकता है. साथ ही डेंगू के कारण मल्टी ऑर्गन फैलियर के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि जब भी तेज बुखार हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना काफी जरूरी है.

सामने आए 5 हजार से अधिक मामले : राजस्थान में मौजूदा डेंगू की स्थिति की बात करें तो आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. अब इस बीमारी से मौत भी हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक प्रदेश में डेंगू के 5719 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीमारी से दो मरीजों की मौत हो चुकी है और इसे चिकित्सा विभाग ने दर्ज किया है. सर्वाधिक 705 मामले उदयपुर से देखने को मिले हैं. इसके अलावा बीकानेर से 378, दौसा से 290, जयपुर शहर से 656, जयपुर ग्रामीण से 424, कोटा से 217 और टोंक से 203 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही कोटा और जयपुर ग्रामीण में एक-एक मरीज की मौत दर्ज की गई है. वहीं, मलेरिया के भी अभी तक 1179 मामले सामने आ चुके हैं.

डेंगू से महिला की मौत : जयपुर के चाकसू में बारिश का दौर खत्म होने के बाद भी डेंगू, मलेरिया और वायरल मौसमी बीमारियों का संक्रमण तेजी से पसरा है. इसी बीच चाकसू में एक महिला की डेंगू से मौत की खबर सामने आई. पूर्व नगरपालिका चेयरमैन अब्दुल हमीद खोखर ने बताया कि उनकी रिश्तेदार वार्ड 7 के करार खनियान मोहल्ला निवासी रसीदा बेगम की डेंगू से मौत हो गई. मृतका को इलाज के लिए चाकसू के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर उसे परिजन जयपुर के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां रसीदा बेगम की रविवार रात को अस्पताल में मौत हो गई.

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