जयपुर : बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियां पैर पसार रही हैं. प्रदेश में डेंगू के 5110, मलेरिया के 1128 और चिकनगुनिया के 188 एक्टिव केस मिले हैं. वहीं, कोटा में तो डेंगू से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में अब मच्छर जनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सभी नगरीय निकायों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत वार्डवार फोगिंग की जाएगी. साथ ही नालों-सार्वजनिक शौचालयों में कीटनाशक छिड़कने के निर्देश दिए गए हैं.
भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप होगा काम : डीएलबी डायरेक्टर कुमार पाल गौतम ने अधिकारियों को मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने नगरीय निकाय क्षेत्रों में एकत्र कचरे- मलबे को हटाने के लिए भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि शहर की नालियों और अन्य स्थानों पर इकट्ठे पानी की निकासी सुनिश्चित कर नालियों में कीटनाशक और मच्छरनाशक दवाओं के साथ काले तेल का छिड़काव करवाया जाए.
मलेरिया-डेंगू नोटिफाइएबल डिजीज : कुमार पाल गौतम ने निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1957 लागू है. इसके तहत मलेरिया और डेंगू को नोटिफाइएबल डिजीज घोषित किया गया है. ऐसे में आमजन को भी अपने घरों/खाली प्लॉटों में किसी भी तरह के मच्छरजनित स्रोतों को विकसित नहीं होने देना है. ऐसे में इस नियम के अन्तर्गत यदि आमजन सहयोग प्रदान नहीं करते है, तो उन्हें नोटिस देकर नियमानुसार चालान और जुर्माने की कार्रवाई की जाएं. साथ ही पशुओं के पीने के पानी की टंकी और अन्य पानी के रिसोर्सेज को साप्ताहिक रूप से साफ किया जाए.
वार्डवार फोगिंग किया जाए : डीएलबी ने नगरीय निकायों के पास उपलब्ध फोंगिग मशीनों से वार्ड वार कार्य योजना बनाकर फोगिंग कराने के निर्देश दिए हैं. जिन नगरीय निकायों के पास फोगिंग मशीन उपलब्ध नहीं है उन्हें फोगिंग मशीन किराए पर लेकर या फिर नियमानुसार क्रय कर फोंगिग की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
प्रशासन के साथ आमजन की जागरुकता भी जरूरी : आईईसी एक्टिविटी के जरिए आमजन को जागरूक कर मौसमी बीमारियों की रोकथाम और इसके प्रभावों को कम किए जाने के प्रयास किए जाएंगे. साथ ही नगर निगम के कर्मचारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ समन्वय स्थापित करते हुए मच्छररोधी एक्टिविटी ( सोर्स रिडक्शन, एन्टीलार्वल, एन्टीएडल्ट) कराई जाएंगी. इसके अलावा जिला कलक्टर स्तर पर समीक्षा करवाकर अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिये विशेष कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं. ताकि प्रदेशवासियों को मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचाया जा सके.