नाहन : जिला सिरमौर विशेषकर नाहन में बरसात के मौसम में लगातार बढ़ते डेंगू के मामले स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन रहे है, तो वहीं लोगों को भी डेंगू का डंक लगातार डरा रहा है. इसी महीने जुलाई माह में डेंगू के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभी जहां डेंगू के मामलों की रोकथाम भी नहीं हो पाई थी कि अब जिला में स्क्रब टायफस भी दस्तक दे चुका है.
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में जिला से अब तक 18 मामले स्क्रब टायफस के सामने आ चुके है. बीते एक सप्ताह के दौरान रोजाना दो-तीन मामले स्क्रब टायफस के लक्षण वाले मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे है. दरअसल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जुलाई माह की 21 तारीख तक डेंगू के 279 मामले सामने आ चुके है. इनमें अधिकतर मामले नाहन के अमरपुर मोहल्ला व शहर के आसपास के इलाकों के हैं. यह एरिया डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है. वहीं पिछले दो वर्षों की बात करें, तो जिला में 2022 में 852, तो वर्ष 2023 में 1044 डेंगू के मामला दर्ज हुए थे. इस वर्ष भी इनमें तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. जिला प्रशासन की तरफ से भी बड़े स्तर पर डेंगू से निपटने के लिए विभिन्न विभागों को उचित दिशा निर्देश दिए गए है. हालांकि डेंगू की रोकथाम को लेकर शहर में नगर परिषद की ओर से फॉगिंग के माध्यम से दवा के छिड़काव का काम निरंतर जारी है.
वहीं, अब स्क्रब टायफस के मामले आने से विभाग की चिंताएं और बढ़ गई हैं. हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्क्रब टायफस के उपचार के लिए उनके पास दवाइयां उपलब्ध हैं. फिर भी उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक डॉ अमिताभ जैन ने बताया कि 21 जुलाई तक अस्पताल में 279 केस डेंगू और 18 मामले स्क्रब टायफस के सामने आ चुके है. उन्होंने कहा कि लोगों से उपचार के साथ-साथ सावधानी बरतने की अपील भी की जा रही है. डेंगू और स्क्रब टायफस के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
स्क्रब टायफस के लक्षण
विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार स्क्रब टाइफस एक जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है. विशिष्ट बैक्टीरिया रिकेट्सिया नामक समूह से संबंधित है. यह बीमारी पिस्सू, घुन आदि जैसे छोटे कीड़ों के काटने से फैलती है. ये पिस्सू ज्यादातार घासनियों में पाया जाता है. स्क्रब टाइफस के लक्षण आम तौर पर किसी व्यक्ति को काटे जाने के दस दिनों के भीतर दिखाई देते हैं. शरीर और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, सिरदर्द, ठंड लगने या कंपकंपी के साथ बुखार, त्वचा पर चकत्ते इस रोग के लक्षण है. स्क्रब टायफस से बचाव उन क्षेत्रों की यात्रा से बचें, जहां रोग का प्रकोप हो. घनी वनस्पति वाले स्थानों से दूर रहें, जहां आमतौर पर ये पिस्सू पाए जाते हैं. खुली त्वचा और कपड़ों पर कीट विकर्षक का प्रयोग करें. शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों के अपने हाथ और पैर ढके रखने चाहिए. यदि वे पालने में हैं, तो मच्छरदानी लगा देनी चाहिए, ताकि पिस्सु अंदर न आ सकें.
डेंगू के लक्षण
डेंगू बुखार मच्छर से फैलने वाला मॉस्किटो बॉर्न वायरल इन्फेक्शन है. ये शरीर में गंभीर खतरे पैदा कर देता है. ये मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है. इससे शरीर का प्लेटलेट काउंट गिर जाता है. इससे मरीज को कई खतरे पैदा हो सकते हैं जैसे हेमरेज, ऑर्गन फेलियर यहां तक कि कई लोगों की मौत तक भी हो जाती है. ज्यादातर ये मच्छर दिन के समय काटता है. डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखते हैं, जरूरी नहीं है कि ये डेंगू के ही लक्षण हो, लेकिन एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए.
डेंगू से बचने के लिए इस तरह के कपड़े पहने जो आपके पूरे शरीर को कवर करें.मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. इसके अलावा उन्हें घर में घुसने से रोकें. इसके लिए आप अपने घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाकर रखें. घर के आस-पास, कूलर, टंकियों में पानी जमा ना होने दें. घर में रखे गमलों को नियमित साफ सफाई करें.
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