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पाकुड़ में पहाड़िया ग्रामीणों का प्रदर्शन, लोकसभा में आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए आरक्षित सीट घोषित करने की मांग - Pakur Pahadia tribe

Pahadia villagers demonstration. पाकुड़ में हजारों पहाड़िया ग्रामीणों ने समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के लिए आदिम जनजाति पहाड़िया के आरक्षित सीट घोषित करने की मांग की,

Pahadia villagers demonstration
Pahadia villagers demonstration
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 7, 2024, 10:33 AM IST

पहाड़िया ग्रामीणों का प्रदर्शन

पाकुड़: जिले के हजारों पहाड़िया ग्रामीणों ने 15 सूत्री मांगों को लेकर हिल असेंबली पहाड़िया महासभा के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. आयोजित धरना प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति के शिवचरण मालतो ने किया जबकि डेविड मालतो, वैजनाथ पहाड़िया, धर्मेंद्र मालतो, मोतीलाल पहाड़िया, कालू पहाड़िया, जबरा पहाड़िया, नारायण पहाड़िया, धर्मराज पहाड़िया मुख्य रूप से उपस्थित थे. आदिम जनजाति पहाड़िया ग्रामीणों ने सिदो कान्हू मुर्मू पार्क से जुलूस निकाला और समाहरणालय पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में और सरकार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया.

राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

विरोध के बाद जिले के पहाड़िया गांवों में रहने वाले सभी आदिम जनजातियों को प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से आच्छादित करने, झारखंड जनजातीय प्राधिकरण नियमावली लागू करने, संथाल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, दुमका और जामताड़ा में विशेष पहाड़िया अधिकारियों और क्षेत्रीय पर्यवेक्षक बहाल करने, झारखंड राज्य आदिम जनजाति आयोग का गठन, आदिम जनजाति के नाम पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने, संथाल परगना प्रमंडल के राजमहल पहाड़ी के लीज और क्रशर को बंद करने, राज्यसभा, विधानसभा और लोकसभा के लिए आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए आरक्षित सीटें घोषित करने, पहाड़िया पेंशन योजना के तहत महिलाओं को 5000 रुपये प्रति माह पेंशन देने, हिरणपुर, गोपीकांदर, काठीकुंड, धमनी, बोरियो और बांझी में बीए तक की शिक्षा सुनिश्चित करने और सभी मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में अपग्रेड करने और अमड़ापाड़ा के विस्थापित एवं प्रभावित आदिवासी एवं पहाड़िया परिवारों को बीजीआर एवं डीबीएल कोल कंपनी में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया.

धरना को भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडे ने भी संबोधित किया और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. भाजपा जिलाध्यक्ष ने महागठबंधन सरकार को आदिवासी मूलवासी विरोधी भी करार दिया.

यह भी पढ़ें: पाकुड़ डीसी से मिला पहाड़िया जनजाति का प्रतिनिधिमंडल, जनमन योजना के तहत 247 गांवों के विकास की मांग

यह भी पढ़ें: लातेहार में सुविधा और रोजगार के अभाव में आदिम जनजाति पलायन को विवश, घरों में लटके ताले

यह भी पढ़ें: आदिम जनजाति पहाड़िया समाज के युवाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश, दुमका एसपी ने की पहल, दी योजनाओं की जानकारी

पहाड़िया ग्रामीणों का प्रदर्शन

पाकुड़: जिले के हजारों पहाड़िया ग्रामीणों ने 15 सूत्री मांगों को लेकर हिल असेंबली पहाड़िया महासभा के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. आयोजित धरना प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति के शिवचरण मालतो ने किया जबकि डेविड मालतो, वैजनाथ पहाड़िया, धर्मेंद्र मालतो, मोतीलाल पहाड़िया, कालू पहाड़िया, जबरा पहाड़िया, नारायण पहाड़िया, धर्मराज पहाड़िया मुख्य रूप से उपस्थित थे. आदिम जनजाति पहाड़िया ग्रामीणों ने सिदो कान्हू मुर्मू पार्क से जुलूस निकाला और समाहरणालय पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में और सरकार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया.

राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

विरोध के बाद जिले के पहाड़िया गांवों में रहने वाले सभी आदिम जनजातियों को प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से आच्छादित करने, झारखंड जनजातीय प्राधिकरण नियमावली लागू करने, संथाल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, दुमका और जामताड़ा में विशेष पहाड़िया अधिकारियों और क्षेत्रीय पर्यवेक्षक बहाल करने, झारखंड राज्य आदिम जनजाति आयोग का गठन, आदिम जनजाति के नाम पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने, संथाल परगना प्रमंडल के राजमहल पहाड़ी के लीज और क्रशर को बंद करने, राज्यसभा, विधानसभा और लोकसभा के लिए आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए आरक्षित सीटें घोषित करने, पहाड़िया पेंशन योजना के तहत महिलाओं को 5000 रुपये प्रति माह पेंशन देने, हिरणपुर, गोपीकांदर, काठीकुंड, धमनी, बोरियो और बांझी में बीए तक की शिक्षा सुनिश्चित करने और सभी मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में अपग्रेड करने और अमड़ापाड़ा के विस्थापित एवं प्रभावित आदिवासी एवं पहाड़िया परिवारों को बीजीआर एवं डीबीएल कोल कंपनी में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया.

धरना को भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडे ने भी संबोधित किया और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. भाजपा जिलाध्यक्ष ने महागठबंधन सरकार को आदिवासी मूलवासी विरोधी भी करार दिया.

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