बेमेतरा: बेमेतरा में श्रीराम मंदिर की जमीन विवाद का मुद्दा गहराता जा रहा है. राम मंदिर भूमि बिक्री विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने कार्यकर्ताओं के साथ बेमेतरा के कलेक्टर से मुलाकात की है. कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचकर उन्होंने राम मंदिर की जमीन की खरीद बिक्री में शामिल अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.
राम मंदिर के जमीन की रजिस्ट्री शून्य की जाए: कांग्रेसियों की मांग है कि राम मंदिर के जमीन की रजिस्ट्री और उसके नामांतरण को शून्य किया जाए. सोमवार को बेमेतरा के पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा की अगुआई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक दल कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. इस दौरान कलेक्टर से कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर की जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करने की मांग की है.
क्या है बेमेतरा राम मंदिर जमीन विवाद मामला ? : बेमेतरा के मजगांव में साल 2020 में बीजेपी नेता ने राम मंदिर की 1.65 हेक्टेयर जमीन का नामांतरण अवैध रूप से अपनी धर्मपत्नी की नाम से करा दिया. अभी वर्तमान में इस जमीन को बीजेपी नेता को बेच दिया गया है. इसी मुद्दे पर कांग्रेस नेता लगातार विरोध प्रदर्श कर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने इस जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही इसमें शामिल तहसीलदार और जमीन खरीदार के खिलाफ भी एक्शन लेने की बात कही गई है.
श्री राम मंदिर की जमीन में फर्जीवाड़े और फर्जी रजिस्ट्री से जिले के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है. सनातनियों में इस मुद्दे को लेकर खासा गुस्सा है. मजगांव में श्री राम मंदिर भूमि मामले में जमीन बिक्री का आदेश देने वाले और जमीन खरीदी बिक्री करने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज होना चाहिए. इसके साथ ही भूमि नामांतरण रद्द कर भूमि को वापस श्रीरामचंद्र जी मंदिर के नाम करना चाहिए. इस केस में कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस आंदोलन करेगी: आशीष छाबड़ा, पूर्व विधायक, कांग्रेस
बेमेतरा के राम मंदिर जमीन विवाद मामले में कांग्रेसी लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. इस मुद्दे पर जिला प्रशासन से कांग्रेस कार्रवाई की मांग कर रही है. अब देखना होगा कि इस केस में प्रशासन का अगला कदम क्या होता है.