सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला का लहसुन इन दिनों देश की विभिन्न मंडियों में धूम मचा रहा है. उच्च गुणवत्ता का लहसुन होने के कारण इसकी अधिकतर सप्लाई दक्षिण भारत में हो रही है, जबकि उत्तर भारत के अलावा चेन्नई तक भी यहां का लहसुन पहुंच रहा है. इतना ही नहीं गुजरात और राजस्थान के व्यापारी भी जिला सिरमौर में पहुंचकर लहसुन की फसल को खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. जिला की स्थानीय मंडियों में किसानों को अलग-अलग ग्रेड के लहसुन के 80 से 200 रुपए तक दाम मिल रहे हैं.
हाथों हाथ फसल बिकने से किसान भी खुश हैं. दरअसल हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक लहसुन का उत्पादन जिला सिरमौर में ही होता है. साल दर साल लहसुन का एरिया बढ़ने के साथ-साथ इसका उत्पादन भी बढ़ रहा है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में यह जिला सिरमौर की नगदी फसल बनकर उभरी है. इस वर्ष 4 हजार हेक्टेयर में करीब 60 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. जिला की ददाहू सब्जी मंडी की ही बात करें तो यहां गिरीपार, सैनधार, धारटीधार इलाकों से किसान अपनी फसल लेकर पहुंच रहे हैं.
ग्रेड | लहसुन के दाम ₹ में |
गोली ग्रेड | 100 |
मीडियम ग्रेड | 120 |
डबल ग्रेड | 160 |
ट्रिपल ग्रेड | 180 से 185 |
ददाहू सब्जी मंडी के आढ़तियों ने बताया कि इस बार यहां की मंडी में लहसुन की फसल काफी अधिक मात्रा में पहुंच रही है. गिरीपार, सैनधार व धारटीधार क्षेत्रों से आने वाला लहसुन चार अलग-अलग ग्रेड में आगे सप्लाई किया जा रहा है. ददाहू सब्जी मंडी से पूरे उत्तर भारत सहित विभिन्न मंडियों में लहसुन सप्लाई होता है. दक्षिण भारत में यहां के लहसुन की अधिक डिमांड होती है. वहीं एक अन्य स्थानीय आढ़ती ने बताया कि जिला के अधिकतर लोग लहसुन की फसल पर ही निर्भर है. यहां पर इन दिनों लहसुन का रेट 120 से लेकर 185 रुपए रेट चल रहे हैं. यहां से अधिकतर सप्लाई दक्षिण भारत में ही हो रही है. गुजरात व राजस्थान से कुछ व्यापारी इसे स्टॉक के लिए भी ले जाते हैं.
किसानों में बढ़ा रहा रुझान
सिरमौर में लहसुन की फसल को लेकर किसानों का लगातार रूझान बढ़ रहा है. वर्ष 2016-17 में 1693 हैक्टेयर एरिया में 26580 मीट्रिक टन का उत्पादन होता था, लेकिन अब ये बढ़कर वर्ष 2022-23 में 4000 हैक्टेयर भूमि पर करीब 60 हजार मीट्रिक टन उत्पादन तक पहुंच चुका है. उच्च गुणवत्ता की वजह से ही यहां के लहसुन की देश भर में काफी अधिक डिमांड रहती है.ददाहू सब्जी मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए आए कोटीधीमान के किसान रणजीत सिंह ने बताया कि 'इस बार लहसुन की फसल काफी अच्छी हुई है और इसके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष दामों में बढ़ोतरी हुई है. किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है. इसके साथ-साथ आगे फसल का बीज सप्लाई भी कर रहे हैं .'
'4 हजार हेक्टेयर में होती है खेती'
उधर सिरमौर जिला के कृषि उप निदेशक डा. राजेंद्र ठाकुर ने बताया 'जिला में लहसुन की खेती लगभग 4 हजार हेक्टेयर में होती है. इस बार करीब 60 हजार मीट्रिक टन फसल के उत्पादन का अनुमान था, जिसे काफी हद तक अचीव भी कर पा रहे हैं, क्योंकि इस मर्तबा फसल काफी अच्छी हुई है. किसानों को ग्रेडिंग के हिसाब से 80 से 200 रुपए तक मंडियों में रेट मिल रहे हैं. जिला का अधिकतर लहसुन दक्षिण भारत में सप्लाई हो रहा है. इस लहसुन की गुणवत्ता काफी अच्छी होने के कारण लोग इसे पसंद करते हैं.'
कृषि विभाग करेगा किसानों की मदद
कृषि उप निदेशक ने बताया कि जिला में बहुत से किसान लहसुन को प्राकृतिक तरीके से उगा रहे हैं और इसकी वजह से भी अन्य लहसुन के मुकाबले इसकी गुणवत्ता में काफी सुधार आता है. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि यदि फसल को लेकर किसी भी तरह की समस्या आ रही है, तो कृषि विभाग से संपर्क करें. विभाग इसके लिए किसानों को उनके इलाके में ही पहुंचकर प्रशिक्षण देगा.