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फायर एक्ट के मसौदे पर मंथन शुरू, छोटे-बड़े सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लेनी होगी फायर एनओसी - Fire Act Draft - FIRE ACT DRAFT

Fire NOC, फायर फाइटर्स ने प्रदेश में फायर एक्ट लागू करने मांग उठाई, जिसके बाद हेरिटेज और ग्रेटर निगम के साथ-साथ स्वायत्त शासन विभाग में चर्चाओं का दौर तेज हो चला है. ग्रेटर नगर निगम की फायर समिति ने तो मसौदे पर मंथन भी शुरू कर दिया है, जिसके अनुसार फायर एक्ट लागू करने के बाद छोटे-बड़े हर व्यावसायिक प्रतिष्ठान को फायर एनओसी लेनी होगी.

Fire Act Draft
फायर एक्ट के मसौदे पर मंथन शुरू... (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 18, 2024, 7:15 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए.... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में कई हजार फैक्ट्रियां और कारखाने हैं, जिनके पास अब तक फायर एनओसी नहीं है. अकेले राजधानी और उसके आसपास करीब 5000 फैक्ट्रियां हैं, जिनमें 10 प्रतिशत के पास ही फायर एनओसी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान ऐसा स्टेट है जहां फायर एक्ट लागू नहीं और ना ही कोई अलग निदेशालय है. जबकि पड़ोसी राज्य दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा में फायर एक्ट बना हुआ है. यही वजह है कि अब आगजनी की घटनाओं पर नकेल करने और फायरफाइटर्स के लिए मानक निर्धारित करने की मांग उठ रही है. हाल ही में हेरिटेज नगर निगम के सीएफओ देवेंद्र मीणा ने फायरफाइटर की चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रदेश में फायर एक्ट और सर्विस रूल्स बनाने के संबंध में अपनी बात रखी.

उधर, ग्रेटर नगर निगम की फायर समिति के अध्यक्ष पारस जैन ने फायर एक्ट लागू करने पर गंभीरता दिखाई है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के सामने काफी मांगे रखी थी, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. सरकार की काम करने की बिल्कुल मंशा नहीं थी, लेकिन अब फायर एक्ट को लेकर मंथन किया जा रहा है. ये एक्ट न सिर्फ कार्मिकों के लिए उपयोगी साबित होगा, बल्कि आमजन और व्यापारियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा.

पढ़ें : कोटा में फायर एनओसी नहीं होने पर तीन और हॉस्टल किए सीज, ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर जयपुर डिस्कॉम ने बिठाई जांच - Fire In Hostels In Kota

फायर सेफ्टी एक्ट लागू होने के बाद फायर एनओसी मैंडेटरी होगी और जिस तरह से आए दिन आगजनी की घटनाएं होती हैं, उस पर अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि जैसे ही आचार संहिता पूरी होगी, इस पर काम शुरू करेंगे और सरकार से योजना बनाकर फायर एक्ट को लागू कराने का भरपूर प्रयास करेंगे. उन्होंने बताया कि फायर एनओसी लेने की व्यवस्था में काफी हद तक सुधार किया गया है. अब फायर एनओसी मैन्युअल नहीं, बल्कि ऑनलाइन दी जा रही है. इसमें फाइल को आसानी से ट्रैक भी किया जा सकता है और पूरी पारदर्शिता के साथ फायर एनओसी देने का काम किया जा रहा है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल फायर एनओसी उच्च प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग, हॉस्पिटल, सरकारी इमारतों के लिए मैंडेटरी है. फायर एक्ट बनने के बाद एक शॉप को भीबफायर एनओसी लेनी पड़ेगी. हालांकि, इसमें उन्हें कोई दुविधा नहीं आने दी जाएगी. नियमों में और सलीकरण किया जाएगा.

आपको बता दें कि यदि शॉर्ट सर्किट वाले स्थान के आसपास फायर सेफ्टी बॉल या एक्सटिंग्विशर लगे होंगे तो आग पर समय रहते काबू पा लिया जाएगा, जिससे कोई बड़ी हानि नहीं होगी. फायर एक्ट में इस तरह के सभी प्रावधान शामिल होंगे.

किसने क्या कहा, सुनिए.... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में कई हजार फैक्ट्रियां और कारखाने हैं, जिनके पास अब तक फायर एनओसी नहीं है. अकेले राजधानी और उसके आसपास करीब 5000 फैक्ट्रियां हैं, जिनमें 10 प्रतिशत के पास ही फायर एनओसी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान ऐसा स्टेट है जहां फायर एक्ट लागू नहीं और ना ही कोई अलग निदेशालय है. जबकि पड़ोसी राज्य दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा में फायर एक्ट बना हुआ है. यही वजह है कि अब आगजनी की घटनाओं पर नकेल करने और फायरफाइटर्स के लिए मानक निर्धारित करने की मांग उठ रही है. हाल ही में हेरिटेज नगर निगम के सीएफओ देवेंद्र मीणा ने फायरफाइटर की चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रदेश में फायर एक्ट और सर्विस रूल्स बनाने के संबंध में अपनी बात रखी.

उधर, ग्रेटर नगर निगम की फायर समिति के अध्यक्ष पारस जैन ने फायर एक्ट लागू करने पर गंभीरता दिखाई है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के सामने काफी मांगे रखी थी, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. सरकार की काम करने की बिल्कुल मंशा नहीं थी, लेकिन अब फायर एक्ट को लेकर मंथन किया जा रहा है. ये एक्ट न सिर्फ कार्मिकों के लिए उपयोगी साबित होगा, बल्कि आमजन और व्यापारियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा.

पढ़ें : कोटा में फायर एनओसी नहीं होने पर तीन और हॉस्टल किए सीज, ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर जयपुर डिस्कॉम ने बिठाई जांच - Fire In Hostels In Kota

फायर सेफ्टी एक्ट लागू होने के बाद फायर एनओसी मैंडेटरी होगी और जिस तरह से आए दिन आगजनी की घटनाएं होती हैं, उस पर अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि जैसे ही आचार संहिता पूरी होगी, इस पर काम शुरू करेंगे और सरकार से योजना बनाकर फायर एक्ट को लागू कराने का भरपूर प्रयास करेंगे. उन्होंने बताया कि फायर एनओसी लेने की व्यवस्था में काफी हद तक सुधार किया गया है. अब फायर एनओसी मैन्युअल नहीं, बल्कि ऑनलाइन दी जा रही है. इसमें फाइल को आसानी से ट्रैक भी किया जा सकता है और पूरी पारदर्शिता के साथ फायर एनओसी देने का काम किया जा रहा है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल फायर एनओसी उच्च प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग, हॉस्पिटल, सरकारी इमारतों के लिए मैंडेटरी है. फायर एक्ट बनने के बाद एक शॉप को भीबफायर एनओसी लेनी पड़ेगी. हालांकि, इसमें उन्हें कोई दुविधा नहीं आने दी जाएगी. नियमों में और सलीकरण किया जाएगा.

आपको बता दें कि यदि शॉर्ट सर्किट वाले स्थान के आसपास फायर सेफ्टी बॉल या एक्सटिंग्विशर लगे होंगे तो आग पर समय रहते काबू पा लिया जाएगा, जिससे कोई बड़ी हानि नहीं होगी. फायर एक्ट में इस तरह के सभी प्रावधान शामिल होंगे.

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