विकासनगर: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन एरिया पर केबल ब्रिज बनाने को लोनिवि ने एक साल पूर्व मिट्टी की जांच करवाई थी. बावजूद इसके आगे कार्रवाई नहीं हुई. ग्रमीणों का कहना है आखिर भूस्खलन जोन पर केबल ब्रिज कब बनेगा.
भूस्खलन जोन में केबल ब्रिज बनाने की मांग: एक दशक से भी ज्यादा समय से जौनसार बावर का लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन से बरसात के दिनों में अक्सर बंद हो जाता है. इस स्थान पर बिना बारिश के भी पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं. यहां से गुजरने वाले वाहनों को हर समय खतरा बना रहता है. कई बार दोपहिया, चौपहिया वाहन जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं. वाहन क्षतिग्रस्त हुए तो उसमें बैठी सवारियां चोटिल हो चुकी हैं. बरसात के दिनों में पहाड़ी अपने रौद्र रूप में आ जाती है. भारी भूस्खलन से सड़क पर मलबा आने से मोटर मार्ग कई घंटों तक बंद रहता है.
नासूर बन चुका है जजरेड़ भूस्खलन जोन: लोक निर्माण विभाग सहिया को मौके पर डोजर तैनात करने पड़ते हैं. पहाड़ी से होता भूस्खलन जब तक नहीं रुकता डोजर भी काम नहीं कर सकता. ऐसे में इस स्थान पर लोनिवि द्वारा भूस्खलन जोन के बाईपास केबल ब्रिज बनाने की योजना थी. उसके लिए मिट्टी की जांच एक साल पहले पूरी की जा चुकी है. स्थानीय निवासी समाज सेवी भीमदत्त वर्मा का कहना है कि सरकार को चाहिए कि शीघ्र ही जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन जोन पर केबल ब्रिज बनाए, ताकि क्षेत्र के लोगों को भय के माहौल में आवागमन ना करना पड़े. यह मोटर मार्ग जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर की लाइफ लाइन है.
पीडब्ल्यूडी ने भेजा 132 करोड़ के लागत का प्रस्ताव: लोक निर्माण विभाग सहिया के अधिशासी अभियंता प्रत्यूष कुमार का कहना है कि जजरेड़ के पास जो भूस्खलन क्षेत्र है वहां वैकल्पिक बाइपास के लिए 2:45 स्पान का केबल ब्रिज बनाने के लिए डीपीआर बनाकर 5 जुलाई 2023 को शासन को प्रेषित कर दी गयी थी. लागत आकलन शासन को प्रेषित कर दी थी. जिसकी लागत 132 करोड़ है. वित्तीय स्वीकृति के उपरांत ही निर्माण कार्य को किया जाना प्रस्तावित है.
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