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राजा इकबाल सिंह ने MCD फंडिंग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरा - Raja Iqbal Singh Criticizes AAP

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 24, 2024, 11:58 AM IST

Updated : Jul 24, 2024, 12:11 PM IST

Raja Iqbal Singh Criticizes AAP: विपक्षी नेता राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली के वित्त मंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय की आलोचना की है, उनका कहना है कि, संवैधानिक फंड रोककर एमसीडी के लिए विशेष संघीय फंड की मांग करना गलत है. उन्होने वित्तीय कमी को उजागर करते हुए दिल्ली सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.

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नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय द्वारा केंद्र से विशेष फंड के लिए अनुरोध किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि दिल्ली की वित्त मंत्री श्रीमती आतिशी और महापौर डॉ. शेली ओबेरॉय को केंद्र सरकार से दिल्ली के कुल प्रत्यक्ष करों के 5% के बराबर विशेष निधि की मांग करते देखना चौंकाने वाला है, जबकि दिल्ली सरकार अपने देय संवैधानिक निधि से नागरिक निकाय को वंचित कर रही है.

राजा इकबाल सिंह ने कहा कि, "आज 2024 में एम.सी.डी. को आदर्श रूप से 7वें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार निधि मिलनी चाहिए थी, लेकिन यहां दिल्ली सरकार एम.सी.डी. को 5वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार निधि दे रही है जो 2016-17 में तय की गई थी. अनिवार्य 6वें डी.एफ.सी. का गठन 2016-17 में नहीं किया गया था नहीं तो 7वें डी.एफ.सी. का गठन 2021-22 में देय हो जाता. इसके अलावा, दिल्ली सरकार 2015-16 से एम.सी.डी. का 20000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया रोके है, 4वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार जिन्हें केजरीवाल सरकार ने एम.सी.डी. को नकार दिया क्योंकि उस समय भाजपा नागरिक निकाय में सेवा में थी."

मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से बजट में एमसीडी के लिए मांगे 10 हजार करोड़, कहा- नगर निकाय को नहीं मिलता उसका हिस्सा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि, "आज आम आदमी पार्टी एम.सी.डी. में सत्ता में है और यह शर्मनाक है कि केजरीवाल सरकार एम.सी.डी. के लिए केंद्र सरकार से विशेष निधियों की मांग कर रही है. जबकि, वह खुद एम.सी.डी. को उचित निधि देने से इंकार कर रही है. मार्च 2022 तक "आप" ने राजनीतिक पक्षपात के साथ एम.सी.डी. को उचित निधि देने से इंकार कर दिया, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि अब भी "आप" सरकार एम.सी.डी. को उचित निधि क्यों नहीं दे रही है. जिसके परिणामस्वरूप एम.सी.डी. की प्राथमिक स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ध्वस्त हो गई हैं."

नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि दिल्ली सरकार को तुरंत छठा दिल्ली वित्त आयोग गठित करना चाहिए और एम.सी.डी. को बकाया सभी राशि जो मार्च 2022 में 20000 करोड़ रुपये से अधिक थी, तुरंत जारी करनी चाहिए. हमने पिछले 2 वर्षों में भी दिल्ली सरकार द्वारा एम.सी.डी. की बकाया राशि जारी करने के बारे में नहीं सुना है.

यह भी पढ़ें- केजरीवाल सरकार ने छठे वित आयोग का गठन नहीं किया, MCD को नहीं दे रही पर्याप्‍त फंड, जाएंगे कोर्ट: विजेंद्र गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय द्वारा केंद्र से विशेष फंड के लिए अनुरोध किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि दिल्ली की वित्त मंत्री श्रीमती आतिशी और महापौर डॉ. शेली ओबेरॉय को केंद्र सरकार से दिल्ली के कुल प्रत्यक्ष करों के 5% के बराबर विशेष निधि की मांग करते देखना चौंकाने वाला है, जबकि दिल्ली सरकार अपने देय संवैधानिक निधि से नागरिक निकाय को वंचित कर रही है.

राजा इकबाल सिंह ने कहा कि, "आज 2024 में एम.सी.डी. को आदर्श रूप से 7वें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार निधि मिलनी चाहिए थी, लेकिन यहां दिल्ली सरकार एम.सी.डी. को 5वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार निधि दे रही है जो 2016-17 में तय की गई थी. अनिवार्य 6वें डी.एफ.सी. का गठन 2016-17 में नहीं किया गया था नहीं तो 7वें डी.एफ.सी. का गठन 2021-22 में देय हो जाता. इसके अलावा, दिल्ली सरकार 2015-16 से एम.सी.डी. का 20000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया रोके है, 4वें डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार जिन्हें केजरीवाल सरकार ने एम.सी.डी. को नकार दिया क्योंकि उस समय भाजपा नागरिक निकाय में सेवा में थी."

मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से बजट में एमसीडी के लिए मांगे 10 हजार करोड़, कहा- नगर निकाय को नहीं मिलता उसका हिस्सा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि, "आज आम आदमी पार्टी एम.सी.डी. में सत्ता में है और यह शर्मनाक है कि केजरीवाल सरकार एम.सी.डी. के लिए केंद्र सरकार से विशेष निधियों की मांग कर रही है. जबकि, वह खुद एम.सी.डी. को उचित निधि देने से इंकार कर रही है. मार्च 2022 तक "आप" ने राजनीतिक पक्षपात के साथ एम.सी.डी. को उचित निधि देने से इंकार कर दिया, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि अब भी "आप" सरकार एम.सी.डी. को उचित निधि क्यों नहीं दे रही है. जिसके परिणामस्वरूप एम.सी.डी. की प्राथमिक स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ध्वस्त हो गई हैं."

नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि दिल्ली सरकार को तुरंत छठा दिल्ली वित्त आयोग गठित करना चाहिए और एम.सी.डी. को बकाया सभी राशि जो मार्च 2022 में 20000 करोड़ रुपये से अधिक थी, तुरंत जारी करनी चाहिए. हमने पिछले 2 वर्षों में भी दिल्ली सरकार द्वारा एम.सी.डी. की बकाया राशि जारी करने के बारे में नहीं सुना है.

यह भी पढ़ें- केजरीवाल सरकार ने छठे वित आयोग का गठन नहीं किया, MCD को नहीं दे रही पर्याप्‍त फंड, जाएंगे कोर्ट: विजेंद्र गुप्ता

Last Updated : Jul 24, 2024, 12:11 PM IST
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