नई दिल्लीः दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि सरकारी स्कूलों के टीचर्स, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को बधाई देती हूं. एक गलत ट्रांसफर ऑर्डर से 5000 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया था. हमने वादा किया था कि शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होने देंगे. अब यह ऑर्डर को वापस ले लिया गया है. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का ट्रांसफर भाजपा का बड़ा षड़यंत्र था.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली जैसी शिक्षा क्रांति भारतीय जनता पार्टी देश के किसी राज्य में नहीं ला सकती है. भाजपा शासित राज्यों में स्कूल टूटे हैं. सुविधाओं के अभाव के साथ शिक्षा की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है. जहां पेरेंट्स अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं. ऐसे में भाजपा को दिल्ली की शिक्षा क्रांति हजम नहीं हुई. दिल्ली के स्कूलों में अच्छी पढ़ाई और सुविधा से बच्चे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर रहे हैं. लेकिन भाजपा दिल्ली सरकार के स्कूलों के अच्छे नतीजे सहन नहीं कर पा रही है.
इसलिए उपराज्यपाल के माध्यम से 2 जुलाई की रात 5000 शिक्षकों के ट्रांसफर का ऑर्डर निकाला गया. आतिशी ने कहा कि मैं भाजपा को कहना चाहती हूं कि केजरीवाल की शिक्षा क्रांति को रोकने की बजाय उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में अच्छे स्कूल बनाए ना कि दिल्ली के स्कूल तबाह करें. 11 जून को दिल्ली शिक्षा विभाग की ओर से आदेश निकाला गया था कि एक ही स्कूल में 10 साल से पढ़ा रहे शिक्षकों का अनिवार्य रूप से ट्रांसफर होगा. आतिशी ने इसका विरोध करते हुए एक जुलाई को ट्रांसफर आर्डर पर रोक लगाने के लिए दिल्ली के शिक्षा विभाग को आदेश दिया. लेकिन दो जुलाई की रात दिल्ली के 5000 शिक्षकों का तबादला कर दिया गया.
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आतिशी ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी ने कल एक लेटर में बताया कि ट्रांसफर पोस्टिंग और सर्विस मैटर केंद्र सरकार के अधीन हैं. इससे साफ है कि ये भाजपा का षड़यंत्र था. भाजपा घड़ियाली आंसू बहाने उपराज्यपाल के पास गई. जब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं तब तक दिल्ली का कोई काम नहीं रुकेगा.
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