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दुनिया का सबसे पॉपुलर पॉप सिंगर भी था इस बीमारी का शिकार, जानिए क्या होता है विटिलिगो? - World Vitiligo Day

World Vitiligo Day: देश और दुनिया में 25 जून को मनाया जाने वाले विटिलिगो डे के पीछे का मकसद बहुत दिलचस्प है. ये उन लोगों के लिए सेलिब्रेट किया जाता है जो एक खास तरह की स्किन की बीमारी का शिकार हो चुके हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ...

जानिए क्या होता है विटिलिगो?
जानिए क्या होता है विटिलिगो? (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 26, 2024, 8:18 AM IST

Updated : Jun 26, 2024, 9:21 AM IST

नई दिल्ली: 25 जून को देश-दुनिया में वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है, इस दिन को मनाने की पीछे की वजह समाज में लोगों के बीच मौजूद धारणाओं को खत्म करना है और लोगों को ये बताना है कि ये बीमारी कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है बल्कि ये स्किन में होने वाला एक तरह का डिसऑर्डर है. पहले समझते हैं विटिलिगो क्या है.

जानिए क्या होता है विटिलिगो? (SOURCE: ETV BHARAT)

ये किसी भी व्यक्ति की स्किन में दिखने वाले सफेद दाग जैसे होता है, इस रोग की शुरुआत हाथ-पैरों से होकर पूरे शरीर में फैल सकती है, आइए जानते हैं इसके कुछ शुरुआती संकेत जिन्हें पहचान कर आप इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं.

एमिल हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर की प्रबंध निदेशक एवं प्रसिद्ध आयुर्वेद त्वचा विशेषज्ञ डॉ. नीतिका कोहली ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में विटिलिगो वाइकिंग्स 3.0 मनाया गया. इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं और युवाओं ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर डॉ . नितिका कोहली ने सफेद दाग की चुनौतीपूर्ण वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि सफेद दाग एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें त्वचा को प्राकृतिक रंग प्रदान करने वाली कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. यही कारण त्वचा पर सफेद दाग बनने लगते हैं.

या सफेद दाग ऐसी समस्या है जिसे लेकर हमारे समाज में तरह-तरह की धारणाएं देखने को मिलती हैं, बहुत से लोग इसे छुआ-छूत की बीमारी मानते हैं, तो कुछ लोग इसे पूर्व जन्म से भी जोड़कर देखते हैं. इन सभी भ्रांतियों से समाज को जागरूक करने के लिए 25 जून का दिन दुनिया भर में वर्ल्ड विटीलिगो डे के रूप में मनाया जाता है.

डॉ निकिता कोहली ने बताया क्यों होती है ये बीमारी
डॉ निकिता कोहली ने बताया क्यों होती है ये बीमारी (SOURCE: ETV BHARAT)

एक जानकारी के मुताबिक इस दिन को मनाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए चुनी गई थी, क्योंकि इस दिन दुनिया भर में प्रचलित पॉप स्टार माइकल जैक्सन की डेथ एनिवर्सरी का दिन भी है. माइकल जैक्सन 80 के दौर में ही इस बीमारी की चपेट में थे और इस समस्या के लिए चलते उन्होंने सारी जिंदगी संघर्ष किया. पहली बार दुनिया भर में साल 25 जून 2011 को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया गया था.

भारत में दुर्भाग्य से सफेद दाग को सामाजिक कलंक के रूप में जाना जाता है. डॉ. नितिका ने कहा कि सफेद दाग अपनी असंक्रामक प्रकृति होने पर भी, गलत धारणाओं के कारण मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा कर सकता है. यह कार्यक्रम एक अविस्मरणीय संध्या की आशा करता है, जहां विविधता का उत्सव मनाने के लिए सफेद दाग के रोगी और उनके परिवार एकजुट होंगे. इसका प्रमुख आकर्षण एक अग्रणी फैशन शो होगा. इसके अतिरिक्त सफेद दाग के रोगियों के लिए विशिष्ट आहार व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, व्यंजन सूची में उनके अनुकूल भोजन का प्रबंध किया गया है-

ये भी पढ़ें- दिल्ली में धीमी पड़ी हीट वेव, अस्पतालों में घटे मरीज; सफदरजंग में एक की मौत

ये भी पढें- हार्ट पेशेंट्स के लिए वरदान बनी रो‍बोटिक हार्ट सर्जरी, 80 प्रतिशत मरीजों को नहीं पड़ती ब्लड की जरूरत

नई दिल्ली: 25 जून को देश-दुनिया में वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है, इस दिन को मनाने की पीछे की वजह समाज में लोगों के बीच मौजूद धारणाओं को खत्म करना है और लोगों को ये बताना है कि ये बीमारी कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है बल्कि ये स्किन में होने वाला एक तरह का डिसऑर्डर है. पहले समझते हैं विटिलिगो क्या है.

जानिए क्या होता है विटिलिगो? (SOURCE: ETV BHARAT)

ये किसी भी व्यक्ति की स्किन में दिखने वाले सफेद दाग जैसे होता है, इस रोग की शुरुआत हाथ-पैरों से होकर पूरे शरीर में फैल सकती है, आइए जानते हैं इसके कुछ शुरुआती संकेत जिन्हें पहचान कर आप इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं.

एमिल हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर की प्रबंध निदेशक एवं प्रसिद्ध आयुर्वेद त्वचा विशेषज्ञ डॉ. नीतिका कोहली ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में विटिलिगो वाइकिंग्स 3.0 मनाया गया. इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं और युवाओं ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर डॉ . नितिका कोहली ने सफेद दाग की चुनौतीपूर्ण वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि सफेद दाग एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें त्वचा को प्राकृतिक रंग प्रदान करने वाली कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. यही कारण त्वचा पर सफेद दाग बनने लगते हैं.

या सफेद दाग ऐसी समस्या है जिसे लेकर हमारे समाज में तरह-तरह की धारणाएं देखने को मिलती हैं, बहुत से लोग इसे छुआ-छूत की बीमारी मानते हैं, तो कुछ लोग इसे पूर्व जन्म से भी जोड़कर देखते हैं. इन सभी भ्रांतियों से समाज को जागरूक करने के लिए 25 जून का दिन दुनिया भर में वर्ल्ड विटीलिगो डे के रूप में मनाया जाता है.

डॉ निकिता कोहली ने बताया क्यों होती है ये बीमारी
डॉ निकिता कोहली ने बताया क्यों होती है ये बीमारी (SOURCE: ETV BHARAT)

एक जानकारी के मुताबिक इस दिन को मनाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए चुनी गई थी, क्योंकि इस दिन दुनिया भर में प्रचलित पॉप स्टार माइकल जैक्सन की डेथ एनिवर्सरी का दिन भी है. माइकल जैक्सन 80 के दौर में ही इस बीमारी की चपेट में थे और इस समस्या के लिए चलते उन्होंने सारी जिंदगी संघर्ष किया. पहली बार दुनिया भर में साल 25 जून 2011 को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया गया था.

भारत में दुर्भाग्य से सफेद दाग को सामाजिक कलंक के रूप में जाना जाता है. डॉ. नितिका ने कहा कि सफेद दाग अपनी असंक्रामक प्रकृति होने पर भी, गलत धारणाओं के कारण मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा कर सकता है. यह कार्यक्रम एक अविस्मरणीय संध्या की आशा करता है, जहां विविधता का उत्सव मनाने के लिए सफेद दाग के रोगी और उनके परिवार एकजुट होंगे. इसका प्रमुख आकर्षण एक अग्रणी फैशन शो होगा. इसके अतिरिक्त सफेद दाग के रोगियों के लिए विशिष्ट आहार व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, व्यंजन सूची में उनके अनुकूल भोजन का प्रबंध किया गया है-

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ये भी पढें- हार्ट पेशेंट्स के लिए वरदान बनी रो‍बोटिक हार्ट सर्जरी, 80 प्रतिशत मरीजों को नहीं पड़ती ब्लड की जरूरत

Last Updated : Jun 26, 2024, 9:21 AM IST
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