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कम उपस्थिति के कारण रोके गए 1,343 छात्रों में से 583 छात्र दे पाएंगे परीक्षा, DU के शहीद भगत सिंह कालेज प्रशासन ने दी अनुमति - Delhi University

DU allow 583 students for appearing in exam: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शहीद भगत सिंह कालेज ने 67 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर परीक्षा देने से रोके गए दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के 1,343 विद्यार्थियों में से 583 को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 16, 2024, 2:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने अटेंडेंस कम होने वाले 1343 छात्र-छात्राओं में से 583 को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है.शहीद भगत सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार अत्री ने बताया कि इन विद्यार्थियों ने कम उपस्थिति का वाजिब कारण बताने के साथ ही उसका प्रूफ भी प्रस्तुत किया है. इनमें से कुछ छात्रों की चिकित्सकीय समस्या थी तो कुछ के अन्य कारण. उन्होंने बताया कि अब 760 छात्र ऐसे हैं जिन्होंने कम उपस्थिति का कोई वाजिब कारण नहीं बताया है और नहीं वह कोई प्रूफ उपस्थित कर सके हैं. इसलिए अंतिम रूप से उन्हें ही परीक्षा देने से रोका जाएगा. उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले बच्चों को ग्रेडड डिटेन किया गया है.

इस तरह से किया गया है ग्रेडेड डिटेन: जिन छात्रों की उपस्थिति 30 परसेंट से ज्यादा 40 प्रतिशत से कम है उनको एक पेपर में, 20 प्रतिशत से ज्यादा और 30 प्रतिशत से कम है तो दो पेपर में, 10 प्रतिशत से ज्यादा और 20 प्रतिशत से कम वालों को तीन पेपर में और एक प्रतिशत से अधिक और 10 प्रतिशत से कम है तो उनको सभी पेपर में डिटेन किया गया है. प्राचार्य ने बताया कि ये वही छात्र हैं जिनको पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर में भी कम उपस्थिति के आधार पर कुछ पेपर देने से रोका गया था. लेकिन उस समय इन छात्रों में से अधिकतर ने लिखित में आश्वासन दिया था कि अगर अगले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति कम रहती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए पर इस बार उन्हें परीक्षा देने दी जाए.

यह भी पढ़ें- ब्रेन हेमरेज के बाद भी नहीं खोई हिम्मत, CBSE बोर्ड की 12वीं परीक्षा में हासिल किए 93% अंक

प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि कम उपस्थिति और छात्रों के द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग के आधार पर ही हमने यह कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. जब पिछले सेमेस्टर में छात्रों की उपस्थिति कम थी तो इन छात्रों ने अंडरटेकिंग में यह लिखा था कि अगले सेमेस्टर में यह 90% उपस्थित देंगे इसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने दी जाए. 90 ऊपर 90% उपस्थित पूरी कर छात्रों ने पिछले सेमेस्टर की उपस्थिति को भी पूरी करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि कॉलेज में छात्रों ने उपस्थित पूरी न करने का चलन सा बना लिया है. इसको खत्म करना उनकी प्राथमिकता है, जब छात्र कक्षाओं में नहीं आएंगे.

अटेंडेंस पूरी नहीं करेंगे तो इससे परीक्षाफल भी प्रभावित होता है. इसलिए इस तरह की कार्रवाई करना जरूरी है. इन छात्रों को परीक्षा से अस्थाई तौर पर रोका जा रहा है. जिन छात्रों को इस परीक्षा से रोकने पर ऐतराज था उनको कोर्स काउंटर पर जाकर 14 मई शाम 5:00 बजे तक कम उपस्थिति को लेकर वाजिब कारण बताते हुए एप्लीकेशन देने का अवसर दिया गया था. जिन छात्रों ने प्रूफ दिए उनको देखने के बाद अब 760 छात्रों की अंतिम सूची तैयार की गई है.

यह भी पढ़ें- डीयू के शहीद भगत सिंह कॉलेज में लो अटेंडेंस वाले 1343 विद्यार्थियों को सेमेस्टर परीक्षा देने से रोका, जारी किया नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने अटेंडेंस कम होने वाले 1343 छात्र-छात्राओं में से 583 को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है.शहीद भगत सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार अत्री ने बताया कि इन विद्यार्थियों ने कम उपस्थिति का वाजिब कारण बताने के साथ ही उसका प्रूफ भी प्रस्तुत किया है. इनमें से कुछ छात्रों की चिकित्सकीय समस्या थी तो कुछ के अन्य कारण. उन्होंने बताया कि अब 760 छात्र ऐसे हैं जिन्होंने कम उपस्थिति का कोई वाजिब कारण नहीं बताया है और नहीं वह कोई प्रूफ उपस्थित कर सके हैं. इसलिए अंतिम रूप से उन्हें ही परीक्षा देने से रोका जाएगा. उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले बच्चों को ग्रेडड डिटेन किया गया है.

इस तरह से किया गया है ग्रेडेड डिटेन: जिन छात्रों की उपस्थिति 30 परसेंट से ज्यादा 40 प्रतिशत से कम है उनको एक पेपर में, 20 प्रतिशत से ज्यादा और 30 प्रतिशत से कम है तो दो पेपर में, 10 प्रतिशत से ज्यादा और 20 प्रतिशत से कम वालों को तीन पेपर में और एक प्रतिशत से अधिक और 10 प्रतिशत से कम है तो उनको सभी पेपर में डिटेन किया गया है. प्राचार्य ने बताया कि ये वही छात्र हैं जिनको पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर में भी कम उपस्थिति के आधार पर कुछ पेपर देने से रोका गया था. लेकिन उस समय इन छात्रों में से अधिकतर ने लिखित में आश्वासन दिया था कि अगर अगले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति कम रहती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए पर इस बार उन्हें परीक्षा देने दी जाए.

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प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि कम उपस्थिति और छात्रों के द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग के आधार पर ही हमने यह कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. जब पिछले सेमेस्टर में छात्रों की उपस्थिति कम थी तो इन छात्रों ने अंडरटेकिंग में यह लिखा था कि अगले सेमेस्टर में यह 90% उपस्थित देंगे इसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने दी जाए. 90 ऊपर 90% उपस्थित पूरी कर छात्रों ने पिछले सेमेस्टर की उपस्थिति को भी पूरी करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि कॉलेज में छात्रों ने उपस्थित पूरी न करने का चलन सा बना लिया है. इसको खत्म करना उनकी प्राथमिकता है, जब छात्र कक्षाओं में नहीं आएंगे.

अटेंडेंस पूरी नहीं करेंगे तो इससे परीक्षाफल भी प्रभावित होता है. इसलिए इस तरह की कार्रवाई करना जरूरी है. इन छात्रों को परीक्षा से अस्थाई तौर पर रोका जा रहा है. जिन छात्रों को इस परीक्षा से रोकने पर ऐतराज था उनको कोर्स काउंटर पर जाकर 14 मई शाम 5:00 बजे तक कम उपस्थिति को लेकर वाजिब कारण बताते हुए एप्लीकेशन देने का अवसर दिया गया था. जिन छात्रों ने प्रूफ दिए उनको देखने के बाद अब 760 छात्रों की अंतिम सूची तैयार की गई है.

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