नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10 साल से पढ़ा रहे शिक्षकों के ट्रांसफर के आदेश में शिक्षा मंत्री आतिशी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर रोकने के नाम पर शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी व लोग टीचर्स से पैसा ले रहे हैं. आतिशी ने कहा कि उन्होंने आज दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि तुरंत शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया को रोका जाए और इस पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच की जाए. इसके साथ ही आतिशी ने कहा कि उन्होंने 1 जुलाई को शिक्षा विभाग के सचिव और निदेशक को ट्रांसफर को रोकने का आदेश दिया था लेकिन 2 जुलाई की मध्यरात्रि 5000 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया.
इस ट्रांसफर के आदेश को निरस्त करने के मेरे निर्देशों के बावजूद 2 जुलाई को देर रात 5000 अध्यापकों का ट्रांसफर का Order निकल जाता है।
— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2024
ऐसा कहा जा रहा है कि इस ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान भारी भ्रष्टाचार हुआ है। ट्रांसफर रुकवाने के लिए भारी रिश्वत दी गई है। क्या अब दिल्ली के… pic.twitter.com/YxwEgzo7hh
इन्हीं शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों का किया कायापलट-शिक्षा मंत्री
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से 11 जून को आदेश आया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो भी शिक्षक 10 साल से अधिक समय से हैं तो उनका अनिवार्य रूप से ट्रांसफर होगा. वह चाहें या न चाहें. सभी शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा. यह आदेश गलत और शिक्षा विरोधी है. क्योंकि ये वहीं शिक्षक हैं, जिनकी मेहनत से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कायापलट हुआ है. बच्चे आईआईटी, जेईई, नीट आदि की परीक्षा क्लीयर कर रहे हैं. प्राइवेट स्कूल के बच्चों से सरकारी स्कूलों के बच्चों के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं. नई शिक्षा नीति में भी कहा गया है कि बार बार ट्रांसफर की प्रक्रिया टीचर्स में नहीं होनी चाहिए. एक ही स्कूल में टीचर को पढ़ाना चाहिए. सरकारी स्कूलों में उन्ही लोगों के बच्चे आते हैं जो गरीब होते हैं. जिनके घरों में उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं होता है. जब एक झटके में स्कूल के आधे टीचर का ट्रांसफर हो जाता है तो पढ़ाई अस्त व्यस्त हो जाती है.
पिछले दिनों दिल्ली के शिक्षा विभाग ने आदेश निकाला कि एक स्कूल में 10 साल से पढ़ा रहे शिक्षकों का ट्रांसफर होगा। यह आदेश बिलकुल गलत और शिक्षा विरोधी है।
— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2024
इस आदेश को निरस्त करने के लिए मैंने शिक्षा विभाग के सचिव और Director को आदेश दिए हैं।
यह वही शिक्षक हैं, जिनकी मेहनत से… pic.twitter.com/rlCNPLa4Kr
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि इस आदेश को खारिज करने के लिए मैंने एक जुलाई को दिल्ली के शिक्षा विभाग के सचिव और निदेशक को आदेश दिया था. इसमें कहा था कि टीचर्स को जबरदस्ती ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है, लेकिन आदेश के बावजूद दो जुलाई की मध्य रात्रि दिल्ली में 5000 टीचर्स का ट्रांसफर आर्डर निकल जाता है. सवाल ये है कि मेरे आदेश के बावजूद ट्रांसफर आदेश क्यों निकाला गया. इस ट्रांसफर का शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा इसके बावजूद भी क्यों दिल्ली सरकार के अधिकारी ऐसा आर्डर निकाल रहे हैं. क्या दिल्ली के अधिकारी दिल्ली के सरकारी स्कूलों को खराब करना चाहते हैं.
Delhi’s Education Minister Atishi writes to Chief Secretary Naresh Kumar, directing him to immediately withdraw the transfer order of teachers issued on July 2 and immediately hold on to any further compulsory transfer of teachers merely because they have completed 10 years in a… pic.twitter.com/ujkVjkKroO
— ANI (@ANI) July 4, 2024
चीफ सेक्रेटरी को ट्रांसफर रोकने व भ्रष्टाचार की जांच कराने का आदेश
मंत्री आतिशी ने कहा कि ये भी खबर आ रही है कि इस ट्रांसफर की प्रक्रिया में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. शिक्षकों ने अपने ट्रांसफर रुकवाने के लिए कई अधिकारियों को रिश्वत दी है. कई लोगों को पैसे दिए हैं. यह बहुत ही चिंता का विषय है. शिक्षा विभाग जो हमारे बच्चों के भविष्य तय करता है अगर वहां पर भ्रष्टाचार होगा तो शिक्षा कैसे आगे बढ़ेगी और बच्चों का भविष्य कैसे आगे बढ़ेगा. आतिशी ने कहा कि मैंने आज सुबह दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि इस ट्रांसफर आर्डर को तुरंत रोका जाए. इस पूरे ट्रांसफर की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच की जाए और अगर कोई भी अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए.