नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 2022 में 15 वर्षीय किशोरी से रेप करने के आरोपी को 20 साल के कैद की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज सुशील बाला डागर ने कहा कि घृणित अपराध की गंभीरता के मुताबिक सजा होनी चाहिए, ताकि ऐसा करने वालों को सख्त संदेश पहुंचे. कोर्ट ने इस मामले की लचर जांच के लिए दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी पर कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है. आरोपी को कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत सजा सुनाई. मामला 5 मार्च 2022 का है.
आरोपी ने पहले किशोरी का अपहरण किया था, जिसके बाद उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया. कोर्ट ने कहा कि यौन अपराध का मनोवैज्ञानिक भय पीड़िता का जीवन भर पीछा करता रहेगा. इससे उसके मानसिक और शारीरिक विकास पर भी असर पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर ये बताने की कोशिश की, कि वो उसके साथ शादी के बंधन में बंधने जा रही है. इससे किशोरी अभिभावकों के संरक्षण और पढ़ाई से भी दूर चली गई.
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कोर्ट ने इस मामले की लचर जांच करने वाले जांच अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है. कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी आरोपी की पहली शादी के दस्तावेज एकत्र करने में विफल रहा. यहां तक कि जिस मंदिर में नाबालिग की शादी कराई गई, वहां के रजिस्टर की भी जांच नहीं की गई. कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी की तमाम विफलताओं के बावजूद पीड़िता के बयान इतने पर्याप्त थे, जिसकी वजह से आरोपी को सजा मिली.
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