नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपियों की उस याचिका का विरोध किया है, जिसमें कहा गया है कि आरोप तय करने पर दलील जांच पूरी होने पर ही शुरू की जाए. कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने आरोपियों की ओर से दलीलें सुनने के लिए 8 अगस्त की तिथि तय करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपियों ने कहा है कि अभी जांच चल रही है. ऐसे में आरोप तय करने पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी कहा है कि आगे की जांच जारी रखना अभियोजन का अधिकार है. कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आरोपियों की दलील को स्वीकार किया जाए. आरोपियों की ओर से ये अर्जी ट्रायल में देरी करने के मकसद के दायर किया गया है.
इससे पहले 31 जनवरी को इस मामले के आरोपियों नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से कहा गया था कि एफआईआर दर्ज होने के चार साल बीत जाने के बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल किए गए हैं. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. आरोपियों की ओर से पेश वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि जब आरोप तय हो जाएं उस समय तक जांच लंबित नहीं रह सकती है.
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पुजारी ने दिल्ली पुलिस की उस दलील का जिक्र किया था, जिसमें कहा गया था कि वो जांच पूरी होने के बाद आरोप तय करने पर दलीलें शुरू करेगी, लेकिन अब दिल्ली पुलिस उल्टी दलील दे रही है. इस मामले में 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज की गई थी. उमर खालिद समेत 18 आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है.
इस मामले में सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता को आरोपी बनाया गया है. इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है.
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