नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी-गैंग स्क्वायड (ASG) टीम ने दो ऐसे वांटेड अपराधियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है जिन्होंने एक शख्स पर इसलिए ताबड़तोड़ हमला कर दिए थे उसने अपने उधार दिए ₹5000 आरोपियों से वापस मांगे थे.
मुख्य आरोपी पिंटू ने पीड़ित शख्स रोहित (19) से 5000 रुपए उधार लिए थे जिसको वासस देने पर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा भी हुआ. इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी इतनी बढ़ गई कि आरोपी पिंटू ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर रोहित को अपने रास्ते से हटाने की पूरी साजिश रच डाली.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक इस हमले में पिंटू के दो आरोपी साथी मनीष (22) और मोनू (22) घटना वाले दिन 23 जून से ही फरार चल रहे थे जिनको अब धरदबोच लिया गया है. दोनों आरोपी दिल्ली के डाबरी के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ डाबरी थाने में आईपीसी की धारा 307/34 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था और मामले में वांछित चल रहे थे. दोनों आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना पता भी बदल रहे थे.
दोनों आरोपियों ने कबूला जुर्म
क्राइम ब्रांच ने इन फरार दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए एसीपी नरेश कुमार की कड़ी निगरानी में इंस्पेक्टर गुलशन यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम को आरेापियों के खिलाफ गुप्त सूचना मिली थी. इसके बाद द्वारका के सेक्टर 16बी, पुराना ककरोला रोड के पास पुलिस टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और उनको पकड़ लिया. आरोपियों ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर विरोध किया जिसके बाद उन्होंने फिर खुद ही मामले में अपनी संलिप्पता को कबूल कर लिया.
आरोपी के साथ लेनदेन को लेकर पीड़ित का हुआ था झगड़ा
आरोपी मनीष और मोनू ने खुलासा किया कि उनके दोस्त पिंटू का रोहित के साथ लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ था. पिंटू के कहने पर ही उन्होंने सोनू और अंकित के साथ मिलकर रोहित पर तेज धार वाले हथियारों यानी चाकू, स्क्रू ड्राइवर, आइस प्रिकट से उसके ऊपर छाती और गर्दन पर करीब 25 से 30 वार किए थे जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. गंभीर घायलावस्था में उसको डीडीयू अस्पताल ले जाया गया था.
पीड़ित रोहित की शिकायत पर ही पुलिस ने मामला दर्ज किया था जोकि महावीर एनक्लेव, उत्तम नगर का रहने वाला है. इस घटना के बाद से ही वह खुद को बचाने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलते रहे थे. आरोपी मनीष दसवीं कक्षा तक पढ़ा है और एसी मैकेनिक का काम करता है और दूसरा आरोपी मोनू 12वीं तक पढ़ा है. दोनों ने ही क्राइम करने के बाद अपने परिवार को छोड़ दिया था.
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