नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में आम लोगों में प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. एनसीआर के अधिकतर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में बरकरार है. प्रदूषण की वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विशेष कर बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक है. एक तरफ जहां सरकार और प्रशासन प्रदूषण की रोकथाम को लेकर तमाम कदम उठाने का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो रहा है.
देश के टॉप तीन प्रदूषित शहरों में दिल्ली एनसीआर के दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा शामिल है. सुबह और शाम के वक्त दिल्ली एनसीआर में हल्की धुंध की चादर नजर आ रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में दिल्ली एनसीआर की हवा और प्रदूषित हो सकती है. मौजूदा समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 का आंकड़ा पार कर चुका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर की हवा का क्या कुछ आलम होगा.
"दिल्ली एनसीआर में बदलते मौसम के साथ हवा में प्रदूषण बढ़ता शुरू हो जाता है. फिलहाल यहां ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान की दूसरी स्टेज लागू है. CAQM द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत कार्रवाई की जा रही है. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विभिन्न विभागों के दायित्व निर्धारित किए गए हैं. ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान सस्ती से लागू करने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है. यूपीपीसीबी द्वारा प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है. साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की विशेष रूप से निगरानी की जा रही है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है." -विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी पीसीबी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आज दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 है. जबकि, गाजियाबाद का 306 और नोएडा का 305 है. देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली नंबर एक, गाजियाबाद नंबर दो और नोएडा नंबर तीन पर है. बता दें, दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में परली जलने की घटनाएं, वाहनों से निकलने वाला धुआं और सड़कों पर उड़ रही धूल है. ऐसा पहली बार नहीं है, हर साल दिवाली से पहले दिल्ली की हवा बिगड़ना शुरू हो जाती है.
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