नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के शाहदरा साउथ जोन स्थित कार्यालय पर निगम कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान एक निगम कर्मी ने बिल्डिंग से कूद कर जान देने की कोशिश की, लेकिन समय रहते साथी कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया. वेतन की मांग को लेकर किए गए इस प्रदर्शन ने मेयर शैली ओबेरॉय के उस दावे की पोल खोल कर रख दी, जिसमें उनकी तरफ से लगातार दावा किया जा रहा था कि निगम के सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा रहा है.
वेतन की मांग को लेकर पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया स्थित शाहदरा साउथ कार्यालय पहुंचे निगम कर्मियों ने उपायुक्त अंशुल सिरोही से मुलाक़ात की. लेकिन काफ़ी मशक्कत के बाद भी निगम कर्मियों को सिर्फ आश्वासन ही मिला. इस दौरान एक कर्मचारी निगम की बिल्डिंग से कूदने की कोशिश की, लेकिन समय रहते कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची और कर्मचारियों को समझा बुझाकार शांत कराया.
यूनियन नेता शशि बाला ने बताया कि शाहदरा जोन में कार्यरत तकरीबन 480 अस्थायी कर्मचारियों को 3 से 6 महीने से वेतन नहीं मिली है. अधिकारी ऑनलाइन प्रकिया का बहाना बना रहे हैं. प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि तीन महीने से भी ज्यादा समय से वेतन नहीं मिला है.
यूनियन नेता ने कहा कि वे लोग रोजाना निगम अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं, कोई ना कोई बहाना बनाकर टाल दिया जाता है, दफ्तर में रिश्वत मांगी जाती है. अब घर चलाना मुश्किल हो गया है. अब तो लोग कर्ज तक नहीं दें रहें है. बच्चों का स्कूल फीस भरना मुश्किल हो गया है, बिजली कंपनी कनेक्शन काटने की धमकी दे रही है. वह लोग भूखे पेट रहकर काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी सूध कोई नहीं ले रहा है.