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दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में सबसे लंबा 3 किलोमीटर का ट्विन टनल बनकर तैयार, जानें कहां-कहां से गुजरी - Delhi Metro Twin Tunnel

दिल्ली के पुलबंगश मेट्रो स्टेशन के समीप मैजेंटा लाइन पर ट्विन टनल बनाने का काम पूरा हो गया है. यह ट्विन टनल भूमि और सृष्टि नामक दो अलग-अलग टनल बोरिंग मशीन के जरिए पूरा किया गया.

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दिल्ली मेट्रो का टनल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2024, 5:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में चल रहे निर्माण कार्य में बुधवार को बड़ी सफलता मिली है. पुलबंगश मेट्रो स्टेशन के समीप मैजेंटा लाइन पर ट्विन टनल बनाने का काम पूरा हो गया. दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में सबसे लंबा तीन किलोमीटर का यह ट्विन टनल भूमि और सृष्टि नामक दो अलग-अलग टनल बोरिंग मशीन के जरिए पूरा हुआ है.

पुलबंगश से जोड़ने वाली जुड़वां सुरंगों का निर्माण पूरा: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि आज मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण कार्य के तहत पहली जुड़वां सुरंगों का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. दो सुरंग खोदने वाली मशीनें (टीबीएम), भूमि और सृष्टि, पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर एक साथ बाहर निकली हैं. जिससे जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम कॉरिडोर (मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन) पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली 3 किमी लंबी जुड़वां सुरंगों का निर्माण पूरा हो गया. इस मौके पर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार व अन्य मेट्रो अधिकारी मौजूद थे.

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सबसे लंबा ट्विन टनल (ETV Bharat)

टीबीएम के जरिए टनल का निर्माण: उन्होंने बताया कि यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक है, जब दो टीबीएम समानांतर सुरंगों को खोदने के बाद एक साथ बाहर निकला. यह सुरंग बनाने की एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इंजीनियरों को दो समानांतर मशीनों की गतिविधि पर सावधानीपूर्वक निगरानी रखनी होती है. दोनों टीबीएम को लगभग 14 महीने से अधिक समय में आज पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर सफलतापूर्वक पार कर लिया गया. दोनों टीबीएम के जरिए औसतन प्रतिदिन 8.2 मीटर का टनल का निर्माण कार्य हो रहा था. इसके जरिये करीब 3 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाया गया है.

टनल कई जगहों से गुजरती है: यह सुरंगें जमीन से लगभग 14-15 मीटर की गहराई पर बनाई गई थीं, जो राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती कॉलोनी सहित घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरती थीं. वे नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेगा, जो नाले की अनिश्चित संरचनात्मक स्थिति के कारण एक संवेदनशील हिस्सा था. जलमग्न स्थिति में सुरंग बनाने के बावजूद किसी भी मौजूदा संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ. टीबीएम को निर्माणाधीन घंटाघर स्टेशन से भी गुजरना पड़ा. सुरंगों का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है. यात्री सुरक्षा के लिए दो सुरंगों को जोड़ने के लिए कुल छह क्रॉस मार्ग बनाए जा रहे हैं.

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डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (ETV Bharat)

बता दें, इससे पहले 21 अगस्त, 2024 को डीएमआरसी ने दिल्ली एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर छतरपुर मंदिर स्थल पर एक टीबीएम से ब्रेकथ्रू करने की सफलता पूरी की थी. पुलबंगश में इस जुड़वां सुरंग की सफलता के साथ डीएमआरसी ने अपनी पिछली सुरंग निर्माण उपलब्धियों की सफलता को आगे बढ़ाया है. इस खंड पर सुरंग बनाने का काम 18 जून 2023 को टीबीएम भूमि की तैनाती के साथ शुरू हुआ था, इसके बाद 19 अगस्त 2023 को सृष्टि की तैनाती हुई थी.

ये भी पढ़ें: द‍िल्‍ली मेट्रो की बड़ी उपलब्धि, एक माह के भीतर टूटा कई सर्वाध‍िक 'पैसेंजर जर्नी' का र‍िकॉर्ड

ये भी पढ़ें: चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान, रिठाला-नरेला मेट्रो कॉरिडोर का हरियाणा बॉर्डर तक विस्तार

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में चल रहे निर्माण कार्य में बुधवार को बड़ी सफलता मिली है. पुलबंगश मेट्रो स्टेशन के समीप मैजेंटा लाइन पर ट्विन टनल बनाने का काम पूरा हो गया. दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में सबसे लंबा तीन किलोमीटर का यह ट्विन टनल भूमि और सृष्टि नामक दो अलग-अलग टनल बोरिंग मशीन के जरिए पूरा हुआ है.

पुलबंगश से जोड़ने वाली जुड़वां सुरंगों का निर्माण पूरा: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि आज मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण कार्य के तहत पहली जुड़वां सुरंगों का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. दो सुरंग खोदने वाली मशीनें (टीबीएम), भूमि और सृष्टि, पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर एक साथ बाहर निकली हैं. जिससे जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम कॉरिडोर (मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन) पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली 3 किमी लंबी जुड़वां सुरंगों का निर्माण पूरा हो गया. इस मौके पर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार व अन्य मेट्रो अधिकारी मौजूद थे.

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सबसे लंबा ट्विन टनल (ETV Bharat)

टीबीएम के जरिए टनल का निर्माण: उन्होंने बताया कि यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक है, जब दो टीबीएम समानांतर सुरंगों को खोदने के बाद एक साथ बाहर निकला. यह सुरंग बनाने की एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इंजीनियरों को दो समानांतर मशीनों की गतिविधि पर सावधानीपूर्वक निगरानी रखनी होती है. दोनों टीबीएम को लगभग 14 महीने से अधिक समय में आज पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर सफलतापूर्वक पार कर लिया गया. दोनों टीबीएम के जरिए औसतन प्रतिदिन 8.2 मीटर का टनल का निर्माण कार्य हो रहा था. इसके जरिये करीब 3 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाया गया है.

टनल कई जगहों से गुजरती है: यह सुरंगें जमीन से लगभग 14-15 मीटर की गहराई पर बनाई गई थीं, जो राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती कॉलोनी सहित घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरती थीं. वे नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेगा, जो नाले की अनिश्चित संरचनात्मक स्थिति के कारण एक संवेदनशील हिस्सा था. जलमग्न स्थिति में सुरंग बनाने के बावजूद किसी भी मौजूदा संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ. टीबीएम को निर्माणाधीन घंटाघर स्टेशन से भी गुजरना पड़ा. सुरंगों का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है. यात्री सुरक्षा के लिए दो सुरंगों को जोड़ने के लिए कुल छह क्रॉस मार्ग बनाए जा रहे हैं.

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डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (ETV Bharat)

बता दें, इससे पहले 21 अगस्त, 2024 को डीएमआरसी ने दिल्ली एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर छतरपुर मंदिर स्थल पर एक टीबीएम से ब्रेकथ्रू करने की सफलता पूरी की थी. पुलबंगश में इस जुड़वां सुरंग की सफलता के साथ डीएमआरसी ने अपनी पिछली सुरंग निर्माण उपलब्धियों की सफलता को आगे बढ़ाया है. इस खंड पर सुरंग बनाने का काम 18 जून 2023 को टीबीएम भूमि की तैनाती के साथ शुरू हुआ था, इसके बाद 19 अगस्त 2023 को सृष्टि की तैनाती हुई थी.

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