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पाकिस्तानी शरणार्थियों को हटाने पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक, कल नहीं होगी DDA की कार्रवाई - Court bans removal of Pak refugees

Demolition of settlement of Hindu refugees: दिल्ली हाईकोर्ट ने मजनू का टीला इलाके में रह रहे हिंदू शरणार्थियों को बड़ी राहत दी है. अब मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में की जाएगी. इससे आठ मार्च को होने वाली डीडीए टल गई है.

Delhi High Court
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 7, 2024, 4:40 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 10:49 PM IST

याचिकाकर्ताओं ने जाहिर की खुशी

नई दिल्ली: दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में रहने वाले लोगों को राहत मिली है. दरअसल, यहां रहने वाले शरणार्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने खुशी जाहिर की. सुनवाई से पहले बस्ती पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

वहीं, देर शाम उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, "मजनू का टीला में तोड़फोड़ के मुद्दे को लेकर मीडिया में जो मुद्दा उठाया गया है, वह क्षेत्र यमुना बाढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आता है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अपने आदेश 17.10.2019 में OA NO. 622/2019 में निर्देश दिया है कि नदी के बाढ़ के मैदानों पर कब्जा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. क्योंकि इस तरह के कब्जे से नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान हो सकता है. 29 जनवरी 2024 के एक आदेश में एनजीटी ने कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय देते हुए गैर-अनुपालन के लिए डीडीए पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें विफल रहने पर वीसी डीडीए को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, अभी किसी को हटाने की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है."

दरअसल, मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्ती को हटाने के लिए डीडीए की तरफ से नोटिस लगाया गया था. इसके चलते यहां रहने वाले लोग चिंतित थे कि वे आखिर कहां जाएंगे. हालांकि, दिल्ली सरकार की तरफ से उनके लिए द्वारका में बने रैन बरेसों में रहने का इंतजाम किया था, लेकिन लोगों ने कहा था कि वे यहां से नहीं जाना चाहते.

यह भी पढ़ें-'मजनू का टीला' में बसे पाक से आए हिंदू शरणार्थियों को हटाने को लेकर हिंदू संगठनों में रोष, लोगों ने कहा- यहीं रहने दो

इन लोगों के समर्थन में कई हिंदू संगठन के लोग भी यहां पहुंचे थे और लोगों को यहां से न हटाने की मांग की थी. फिलहाल डीडीए की तरफ से यहां आठ मार्च को होने वाली कार्रवाई टल गई है, जिससे यहां रह रहे शरणार्थियों ने राहत की सांस ली है. हालांकि यह देखने वाली बात होगी की न्यायालय में सुनवाई के दौरान क्या निर्णय लिया जाता है और फैसला किसके हक में जाता है.

यह भी पढ़ें-जेएनयू छात्रसंघ चुनावः मुख्य चुनाव समिति, जीआरसी और ऑब्जरवर्स की घोषणा, जल्दी आ सकती हैं चुनाव की तारीख

याचिकाकर्ताओं ने जाहिर की खुशी

नई दिल्ली: दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में रहने वाले लोगों को राहत मिली है. दरअसल, यहां रहने वाले शरणार्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने खुशी जाहिर की. सुनवाई से पहले बस्ती पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

वहीं, देर शाम उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, "मजनू का टीला में तोड़फोड़ के मुद्दे को लेकर मीडिया में जो मुद्दा उठाया गया है, वह क्षेत्र यमुना बाढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आता है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अपने आदेश 17.10.2019 में OA NO. 622/2019 में निर्देश दिया है कि नदी के बाढ़ के मैदानों पर कब्जा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. क्योंकि इस तरह के कब्जे से नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान हो सकता है. 29 जनवरी 2024 के एक आदेश में एनजीटी ने कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय देते हुए गैर-अनुपालन के लिए डीडीए पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें विफल रहने पर वीसी डीडीए को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, अभी किसी को हटाने की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है."

दरअसल, मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्ती को हटाने के लिए डीडीए की तरफ से नोटिस लगाया गया था. इसके चलते यहां रहने वाले लोग चिंतित थे कि वे आखिर कहां जाएंगे. हालांकि, दिल्ली सरकार की तरफ से उनके लिए द्वारका में बने रैन बरेसों में रहने का इंतजाम किया था, लेकिन लोगों ने कहा था कि वे यहां से नहीं जाना चाहते.

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इन लोगों के समर्थन में कई हिंदू संगठन के लोग भी यहां पहुंचे थे और लोगों को यहां से न हटाने की मांग की थी. फिलहाल डीडीए की तरफ से यहां आठ मार्च को होने वाली कार्रवाई टल गई है, जिससे यहां रह रहे शरणार्थियों ने राहत की सांस ली है. हालांकि यह देखने वाली बात होगी की न्यायालय में सुनवाई के दौरान क्या निर्णय लिया जाता है और फैसला किसके हक में जाता है.

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Last Updated : Mar 7, 2024, 10:49 PM IST
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