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गाजीपुर नाले में मां-बेटे की गिरकर मौत मामले में परिजनों को मुआजवा देने पर विचार करे डीडीएः हाईकोर्ट - Ghazipur Drain Deaths Case - GHAZIPUR DRAIN DEATHS CASE

दिल्ली हाईकोर्ट ने गाजीपुर नाले में मां-बेटे की गिरकर मौत मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए DDA को फटकार लगाई. साथ ही परिजनों को मुआवजा देने पर विचार कर कोर्ट को बताने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.

31 जुलाई को इसी जगह हुआ था हादसा.
31 जुलाई को इसी जगह हुआ था हादसा. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 22, 2024, 9:05 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में एक खुले नाले में गिरकर मां और बच्चे की मौत के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकार (डीडीए) को निर्देश दिया कि वो पीड़िता के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार कर अगली तिथि को सूचित करें. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को करने का आदेश दिया.

गुरुवार को हाईकोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके अधिकारी ठेकेदारों के कामों का निरीक्षण नहीं करते हैं. निर्माण स्थल पर गए बिना ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करते हैं. ठेकेदार ने नाला खुला ही छोड़ दिया. आपके स्टाफ उसकी मानिटरिंग तक नहीं करते हैं. कोई भी इसमें गिर सकता है. इससे पहले दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं.

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि खुले नाले के आसपास तुरन्त बैरिकेडिंग की जाए और वहां पर पड़े मलबे को हटाया जाएं. हाईकोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा था कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें है. चिकनगुनिया, डेंगू जैसे बीमारियां भी शहर में हैं और नालों का यह हाल है? क्या नगर निगम काम कर रहा है? ऐसा लगता है वह काम नहीं करता है. वहां पर साल भर से मलबा पड़ा हुआ है.

याचिका में ये की गई है मांगेंः याचिका झुन्नु लाल श्रीवास्तव ने दायर की है. इसमें मांग की गई है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज कर महिला और उसके बच्चे की मौत की जांच शुरू करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि इस घटना की जिम्मेदारी तय की जाए. अभी तक दिल्ली पुलिस और डीडीए ने किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की है. नाले का निर्माण करनेवाले ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए और दिल्ली में नालों के निर्माण की विस्तृत ऑडिट करायी जाए ताकि ऐसी घटना भविष्य में दोबारा नहीं हो.

बता दें, गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में रहनेवाली 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसका तीन साल का बेटा प्रियांश 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे. काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ेंः गाजीपुर नाला जहां मां और बच्चे की मौत हुई वह दिल्ली नगर निगम का है, हाईकोर्ट ने डीडीए ने कहा

यह भी पढ़ेंः गाजीपुर में नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत, संजय सिंह ने LG विनय सक्सेना को बर्खास्त करने की रखी मांग

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में एक खुले नाले में गिरकर मां और बच्चे की मौत के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकार (डीडीए) को निर्देश दिया कि वो पीड़िता के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार कर अगली तिथि को सूचित करें. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को करने का आदेश दिया.

गुरुवार को हाईकोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके अधिकारी ठेकेदारों के कामों का निरीक्षण नहीं करते हैं. निर्माण स्थल पर गए बिना ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करते हैं. ठेकेदार ने नाला खुला ही छोड़ दिया. आपके स्टाफ उसकी मानिटरिंग तक नहीं करते हैं. कोई भी इसमें गिर सकता है. इससे पहले दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं.

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि खुले नाले के आसपास तुरन्त बैरिकेडिंग की जाए और वहां पर पड़े मलबे को हटाया जाएं. हाईकोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा था कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें है. चिकनगुनिया, डेंगू जैसे बीमारियां भी शहर में हैं और नालों का यह हाल है? क्या नगर निगम काम कर रहा है? ऐसा लगता है वह काम नहीं करता है. वहां पर साल भर से मलबा पड़ा हुआ है.

याचिका में ये की गई है मांगेंः याचिका झुन्नु लाल श्रीवास्तव ने दायर की है. इसमें मांग की गई है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज कर महिला और उसके बच्चे की मौत की जांच शुरू करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि इस घटना की जिम्मेदारी तय की जाए. अभी तक दिल्ली पुलिस और डीडीए ने किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की है. नाले का निर्माण करनेवाले ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए और दिल्ली में नालों के निर्माण की विस्तृत ऑडिट करायी जाए ताकि ऐसी घटना भविष्य में दोबारा नहीं हो.

बता दें, गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में रहनेवाली 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसका तीन साल का बेटा प्रियांश 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे. काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई.

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