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आय से अधिक संपत्ति मामले में शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार

Delhi High Court: आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने मना कर दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 22, 2024, 6:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि याचिका प्री-मैच्योर है. हाईकोर्ट ने कहा कि लोकपाल ने अभी कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है, ऐसे में उसके अंतरिम फैसले पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं बनता है।.

बता दें कि 12 सितंबर 2022 को कोर्ट ने लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने लोकपाल और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया था. शिबू सोरेन ने लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा सकती है क्योंकि शिकायतकर्ता ने घटना के कई साल बाद शिकायत की है.

यह भी पढ़ें-आबकारी घोटाले के आरोपी अरुण पिल्लै की अंतरिम जमानत बढ़ाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इनकार, कही ये बात

याचिका में कहा गया था कि लोकपाल एंड लोकायुक्त एक्ट की धारा 53 के तहत इस मामले में शिकायत करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. याचिका में कहा गया था कि 5 अगस्त 2020 को लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. फरवरी 2022 तक सोरेन को शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई. सितंबर 2020 में सीबीआई को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया गया था.

सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने दस साल में आय से काफी अधिक मात्रा में संपत्ति हासिल की. संपत्ति न केवल अपने नाम पर बल्कि अपने परिवार के दूसरे सदस्यों और कंपनियों के नाम पर की गई.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर प्रसाद मुफ्त बेचने का दावा करने वाली वेबसाइट को सभी सोशल मीडिया से हटाने का दिया आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि याचिका प्री-मैच्योर है. हाईकोर्ट ने कहा कि लोकपाल ने अभी कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है, ऐसे में उसके अंतरिम फैसले पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं बनता है।.

बता दें कि 12 सितंबर 2022 को कोर्ट ने लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने लोकपाल और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया था. शिबू सोरेन ने लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा सकती है क्योंकि शिकायतकर्ता ने घटना के कई साल बाद शिकायत की है.

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याचिका में कहा गया था कि लोकपाल एंड लोकायुक्त एक्ट की धारा 53 के तहत इस मामले में शिकायत करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. याचिका में कहा गया था कि 5 अगस्त 2020 को लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. फरवरी 2022 तक सोरेन को शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई. सितंबर 2020 में सीबीआई को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया गया था.

सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने दस साल में आय से काफी अधिक मात्रा में संपत्ति हासिल की. संपत्ति न केवल अपने नाम पर बल्कि अपने परिवार के दूसरे सदस्यों और कंपनियों के नाम पर की गई.

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