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AAP विधायक दुर्गेश पाठक के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने से इनकार - Durgesh Pathak election case

AAP MLA Durgesh Pathak: AAP विधायक दुर्गेश पाठक के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. मंगलवार को कोर्ट ने याचिका का खारिज करने से इनकार करते हुए 22 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया.

AAP विधायक दुर्गेश पाठक
AAP विधायक दुर्गेश पाठक (X हैंडल)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 9, 2024, 8:31 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 8:44 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक दुर्गेश पाठक के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया है. मंगलवार को जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया. पाठक के निर्वाचन को राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदाता राजन तिवारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

राजन तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि दुर्गेश पाठक ने अपने चुनावी हलफनामा में अपने आपराधिक इतिहास के विवरण को छिपाया है. वह नामांकन के स्क्रूटनी होने के समय लाभ के पद पर थे. इसके अलावा याचिका में दुर्गेश पाठक पर चुनावी हलफनामे में वित्तीय वर्ष 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को नहीं दिखाने का आरोप लगाया गया है. कहा है कि पाठक ने अपने चुनावी हलफनामे के चल संपत्ति के कॉलम में प्रस्ताव कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों की सही कीमत नहीं बताई है.

तिवारी की याचिका में कहा गया था कि निर्वाचन अधिकारी ने दुर्गेश पाठक द्वारा तथ्यों को जानबूझकर छिपाये जाने के बावजूद उनका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया था. ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123(2) और धारा 125ए का उल्लंघन है. याचिका में इस आधार पर दुर्गेश पाठक का निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है. पाठक का निर्वाचन राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए 2022 में हुए उपचुनाव में हुआ था. वह 11,468 मतों से चुनाव जीते थे.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली: राजस्व जिलों के तर्ज पर होगा महिला एवं बाल विकास जिला कार्यालय का पुनर्गठन, एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजा प्रस्ताव

याचिका पर सुनवाई के दौरान दुर्गेश पाठक ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि सिविल प्रोसीजर कोड की धारा 7(11)(ए) के तहत ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए. दुर्गेश पाठक की ओर से पेश वकील गौतम नारायण ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 33ए, नियम 4ए और फॉर्म 26 के मुताबिक किसी उम्मीदवार को उन्हीं आपराधिक केस का विवरण देना होता है, जिसमें कोर्ट की ओर से संज्ञान लिया जा चुका हो.

यह भी पढ़ेंः डॉक्टर सुसाइड केस में AAP विधायक प्रकाश जारवाल की सजा की अवधि पर सुनवाई टली

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक दुर्गेश पाठक के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया है. मंगलवार को जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया. पाठक के निर्वाचन को राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदाता राजन तिवारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

राजन तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि दुर्गेश पाठक ने अपने चुनावी हलफनामा में अपने आपराधिक इतिहास के विवरण को छिपाया है. वह नामांकन के स्क्रूटनी होने के समय लाभ के पद पर थे. इसके अलावा याचिका में दुर्गेश पाठक पर चुनावी हलफनामे में वित्तीय वर्ष 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को नहीं दिखाने का आरोप लगाया गया है. कहा है कि पाठक ने अपने चुनावी हलफनामे के चल संपत्ति के कॉलम में प्रस्ताव कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों की सही कीमत नहीं बताई है.

तिवारी की याचिका में कहा गया था कि निर्वाचन अधिकारी ने दुर्गेश पाठक द्वारा तथ्यों को जानबूझकर छिपाये जाने के बावजूद उनका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया था. ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123(2) और धारा 125ए का उल्लंघन है. याचिका में इस आधार पर दुर्गेश पाठक का निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है. पाठक का निर्वाचन राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए 2022 में हुए उपचुनाव में हुआ था. वह 11,468 मतों से चुनाव जीते थे.

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याचिका पर सुनवाई के दौरान दुर्गेश पाठक ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि सिविल प्रोसीजर कोड की धारा 7(11)(ए) के तहत ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए. दुर्गेश पाठक की ओर से पेश वकील गौतम नारायण ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 33ए, नियम 4ए और फॉर्म 26 के मुताबिक किसी उम्मीदवार को उन्हीं आपराधिक केस का विवरण देना होता है, जिसमें कोर्ट की ओर से संज्ञान लिया जा चुका हो.

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Last Updated : Jul 9, 2024, 8:44 PM IST
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