नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर राजन सिंह को पुलिस सुरक्षा दे दी. लोकसभा चुनाव 2024 में दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से ट्रांसजेंडर राजन सिंह उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए कोर्ट से सुरक्षा देने की मांग की थी. उन्होंने पुलिस सुरक्षा और अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए निर्देश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका मुवक्किल ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी से आता है. साउथ दिल्ली से राष्ट्रीय बहुजन कांग्रेस पार्टी के समर्थन से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरना चाहता है. 12 अप्रैल को बदरपुर में उसके दफ्तर पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसको लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. 14 अप्रैल को चुनाव आयोग के सामने एक आवेदन देकर सुरक्षा की मांग भी की गई थी. लेकिन वहां से याचिकाकर्ता को कोई जवाब नहीं मिला.
न्यायमूर्ति मेंदीरत्ता ने 29 अप्रैल को पारित आदेश में कहा कि भारत का संविधान चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी सहित राज्य गतिविधि के सभी क्षेत्रों में कानूनों की समान सुरक्षा सुनिश्चित करता है. यौन रुझान या लिंग के आधार पर कोई भी भेदभाव पहचान कानून के समक्ष समानता को कमजोर करती है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है. न्यायमूर्ति मेंदीरत्ता ने स्पष्ट किया, संविधान के तहत गारंटीकृत ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें लागू करने का कर्तव्य राज्य पर है.
सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देशः इसके बाद इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने राजन की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस को नामांकन के दौरान पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निदेश दिया. जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 सभी को समान सुरक्षा का हक देता है. लिंग के आधार पर इसमें भेद नहीं कर सकते. हालांकि, सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा था कि नामांकन की प्रक्रिया 29 अप्रैल से शुरू हुई है, ऐसे में याचिकाकर्ता कानून के अनुसार सुरक्षा की मांग कर सकता है. संबंधित विभाग उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवा सकता है.
ये भी पढ़ें : दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी ट्रांसजेंडर राजन सिंह
2 सप्ताह के भीतर देनी होगी जांच की रिपोर्टः वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन्होंने याचिकाकर्ता की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है. मामले में 2 सप्ताह के भीतर शिकायकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि घटना की प्रारंभिक जांच के दौरान कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. हालांकि, अगर याचिकाकर्ता को नामांकन भरने के लिए सुरक्षा चाहिए तो वो नामांकन की तारीख और समय बताकर सुरक्षा ले सकता हैं.
ये भी पढ़ें : दिल्ली सरकार ठप है, CM पद पर बैठा आदमी लंबे समय तक गैरहाजिर ना हो, हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी