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आशा किरण के विदेशी बंदियों को एक हफ्ते में एफआरआरओ में शिफ्ट करने का आदेश - Delhi high court Asha kiran centre

दिल्ली हाईकोर्ट ने आशा किरण केंद्र मामले में दिल्ली सरकार की उस याचिका को मंजूर कर लिया है जिसमें पिछले आदेश में संशोधन की मांग की गई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 16, 2024, 2:24 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से सभी विदेशी बंदियों को एक हफ्ते में फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के शाहजांबाद में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने संशोधित आदेश में कहा है कि आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से सभी विदेशी बंदियों को एक हफ्ते के अंदर फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के शाहजांबाद में शिफ्ट किया जाए.

हाईकोर्ट ने एफआरआरओ और दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के अंदर आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से विदेशी बंदियों को शाहजहांबाद एफआरआरओ केंद्र में शिफ्ट करने में दिल्ली समाज कल्याण विभाग के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया.

बता दें कि 12 अगस्त को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव पेश हुए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि हम नहीं चाहते हैं कि आगे और कोई मौत हो. हाईकोर्ट ने कहा था कि आशा किरण केंद्र में रह रहे लोगों की सख्या कम करने की जरूरत है क्योंकि इस सेंटर की क्षमता अभी 570 है जबकि सेंटर में अभी लोगों की संख्या 928 है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये बताया गया था कि दिल्ली नगर निगम के कुछ भवन खाली पड़े हैं. तब हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिल्ली नगर निगम के खाली पड़े भवनों का इस्तेमाल करे और आशा किरण में क्षमता से ज्यादा रह रहे लोगों को वहां शिफ्ट किया जाए.

ये भी पढ़ें: समाज कल्याण विभाग ने आशा किरण होम में सचिव के पीए समेत कई अफसरों की तैनाती की, जान‍िए सब

हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया था कि वह एलजी वीके सक्सेना से मिलें और उनसे आर्थिक मदद मांगें. जिससे संविदा पर कर्मचारी रखे जा सकें और स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके. इसके पहले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा था कि सरकार द्वारा संचालित केंद्र में एक महीने में 14 मौतें महज संयोग नहीं हो सकती हैं.

बता दें कि जुलाई में आशा किरण होम में रहने वाले 14 लोगों की रोहिणी के बाबा अंबेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मरने वालों में एक किशोर, आठ महिलाएं और पांच पुरुष थे. आशा किरण होम में करीब 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं. फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

ये भी पढ़ें: आशा किरण केंद्र में क्षमता से ज्यादा लोगों को दूसरे जगह शिफ्ट करने का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से सभी विदेशी बंदियों को एक हफ्ते में फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के शाहजांबाद में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने संशोधित आदेश में कहा है कि आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से सभी विदेशी बंदियों को एक हफ्ते के अंदर फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के शाहजांबाद में शिफ्ट किया जाए.

हाईकोर्ट ने एफआरआरओ और दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के अंदर आशा किरण केंद्र के आशा ज्योति गृह से विदेशी बंदियों को शाहजहांबाद एफआरआरओ केंद्र में शिफ्ट करने में दिल्ली समाज कल्याण विभाग के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया.

बता दें कि 12 अगस्त को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव पेश हुए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि हम नहीं चाहते हैं कि आगे और कोई मौत हो. हाईकोर्ट ने कहा था कि आशा किरण केंद्र में रह रहे लोगों की सख्या कम करने की जरूरत है क्योंकि इस सेंटर की क्षमता अभी 570 है जबकि सेंटर में अभी लोगों की संख्या 928 है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये बताया गया था कि दिल्ली नगर निगम के कुछ भवन खाली पड़े हैं. तब हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिल्ली नगर निगम के खाली पड़े भवनों का इस्तेमाल करे और आशा किरण में क्षमता से ज्यादा रह रहे लोगों को वहां शिफ्ट किया जाए.

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हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया था कि वह एलजी वीके सक्सेना से मिलें और उनसे आर्थिक मदद मांगें. जिससे संविदा पर कर्मचारी रखे जा सकें और स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके. इसके पहले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा था कि सरकार द्वारा संचालित केंद्र में एक महीने में 14 मौतें महज संयोग नहीं हो सकती हैं.

बता दें कि जुलाई में आशा किरण होम में रहने वाले 14 लोगों की रोहिणी के बाबा अंबेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मरने वालों में एक किशोर, आठ महिलाएं और पांच पुरुष थे. आशा किरण होम में करीब 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं. फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

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