नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लद्दाख से दिल्ली पहुंचे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को जंतर-मंतर या किसी दूसरे उपयुक्त स्थान पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका का निस्तारण कर दिया. मंगलवार को याचिकाकर्ता एपेक्स बॉडी लेह ने कहा कि वे अब याचिका पर जोर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि प्रशासन से उनकी बात हो गई है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि वांगचुक और उनके सहयोगियों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है. इसके चलते अब याचिका की कोई जरूरत नहीं रह गई है. याचिका में यह मांग की गई थी कि पर्यावरण कार्यकर्ता जंतर-मंतर या किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार प्राप्त करें.
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हालांकि, दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को उनके प्रदर्शन की अनुमति को अस्वीकार कर दिया था. याचिका में दलील दी गई थी कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और 19(1)(बी) का उल्लंघन है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित हैं. यह भी उल्लेख किया गया कि पुलिस की ओर से प्रदर्शन की अनुमति न देने की कोई ठोस वजह नहीं है.
सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों का उद्देश्य लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करना है, जिससे वहां के लोगों को अधिक स्वायत्तता और संसाधनों के प्रबंधन का अवसर मिल सके. उनके आंदोलन का यह पहलू न केवल लद्दाख के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक जरूरी कदम है.
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