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लैंडफिल साइट के पास बने डेयरी फार्म को तुरंत हटाने का आदेश, प्रदूषण के चलते दूध पीने लायक नहीं - Bhalswa Landfill Site

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लैंडफिल साइट के पास मौजूद डेयरी फार्म को हटाने का निर्देश जारी किया है. दरअसल, प्रदूषण के चलते डेयरी का दूध पीने वाले लोगों को नुकसान हो रहा था.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 6, 2024, 10:07 AM IST

Updated : May 6, 2024, 10:34 AM IST

नई दिल्ली: भलस्वा लैंडफिल साइट के पास स्थित डेरी फार्म को दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत दूसरे जगह ले जाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ-साथ गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास मौजूद डेयरी को भी हटाने का निर्देश जारी किया गया है. दरअसल, भलस्वा लैंडफिल साइट के पास स्थित डेयरी का दूध पीने लायक नहीं है. पॉल्यूशन के चलते यहां रहने वाले पशु के साथ-साथ डेयरी का दूध पीने वाले लोगों को नुकसान हो रहा है.

हाईकोर्ट का कहना है कि जिन जगहों पर प्रॉपर सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम, बायोगैस आदि की सुविधा नहीं है, वहां डेयरी नहीं होनी चाहिए. मतलब सिर्फ लैंडफिल साइट ही नहीं, कहीं भी डेयरी फार्म बनाते और चलाते वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. नहीं तो वहां का प्रदूषण दूध में भी आएगा. इससे प्रदूषित दूध पीने वालों पर असर होगा.

ये भी पढ़ें : मुसीबतों का चट्टान बना कचरे का पहाड़, जहरीला धुआं घोंट रहा दिल्ली का दम

भलस्वा इलाके में डेयरी चलाने वाले लोगों ने बताया कि इलाके में अब 10 फीसदी ही डेयरी बची है. अन्य जगहों पर रिहायशी इलाके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट को जो रिपोर्ट दी गई, वह खुले में घूम रही गायों को देखकर दी गई है. वहीं, दूसरी तरफ पशुपालन और डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि वह गाय के चारे और उनके रहने का इंतजाम अपनी जगह पर करें, जिससे उनकी गायें लैंडफिल्स साइट के आसपास घूमती हुई नजर नहीं आएंगी.

ये भी पढ़ें : भलस्वा लैंडफिल साइट पर नाइन पॉइंट एक्शन प्लान होगा लागू : गोपाल राय

नई दिल्ली: भलस्वा लैंडफिल साइट के पास स्थित डेरी फार्म को दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत दूसरे जगह ले जाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ-साथ गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास मौजूद डेयरी को भी हटाने का निर्देश जारी किया गया है. दरअसल, भलस्वा लैंडफिल साइट के पास स्थित डेयरी का दूध पीने लायक नहीं है. पॉल्यूशन के चलते यहां रहने वाले पशु के साथ-साथ डेयरी का दूध पीने वाले लोगों को नुकसान हो रहा है.

हाईकोर्ट का कहना है कि जिन जगहों पर प्रॉपर सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम, बायोगैस आदि की सुविधा नहीं है, वहां डेयरी नहीं होनी चाहिए. मतलब सिर्फ लैंडफिल साइट ही नहीं, कहीं भी डेयरी फार्म बनाते और चलाते वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. नहीं तो वहां का प्रदूषण दूध में भी आएगा. इससे प्रदूषित दूध पीने वालों पर असर होगा.

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भलस्वा इलाके में डेयरी चलाने वाले लोगों ने बताया कि इलाके में अब 10 फीसदी ही डेयरी बची है. अन्य जगहों पर रिहायशी इलाके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट को जो रिपोर्ट दी गई, वह खुले में घूम रही गायों को देखकर दी गई है. वहीं, दूसरी तरफ पशुपालन और डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि वह गाय के चारे और उनके रहने का इंतजाम अपनी जगह पर करें, जिससे उनकी गायें लैंडफिल्स साइट के आसपास घूमती हुई नजर नहीं आएंगी.

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Last Updated : May 6, 2024, 10:34 AM IST
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