नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने राजन बाबू टीबी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध नहीं होने पर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त की खिंचाई की है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया कि वो 15 दिनों के अंदर अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदें. मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी.
याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली का राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है. अस्पताल में दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम से पूछा कि आपके टीबी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन क्यों नहीं है? आपके टीबी अस्पताल में टीबी मरीजों को टीबी की दवाई क्यों नहीं मिल रही है?
सुनवाई के दौरान जब नगर निगम ने कहा कि अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीदी के लिए डीएम ने स्वीकृति दे दी है. तब हाईकोर्ट ने कहा कि ये तब हुआ है जब हमने आपसे कहा कि हम पुलिस भेजेंगे. कोर्ट को बताया गया कि टीबी की दवाईयों की विश्वभर में कमी हो गई है. तब हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से भी इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा.
कोर्ट ने कहा कि दवाईयों की कमी टीबी मरीजों के लिए भारी पड़ेगी. इस पर अस्पताल प्रशासन ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे बाजार से दवाईयां खरीदें. तब कोर्ट ने कहा कि सभी प्राधिकार समन्वय से काम करें और ताकि मरीजों को परेशानी नहीं हो.