नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक के आवंटन से जुड़े मामले में दोषी करार दिए गए कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा के पासपोर्ट का तीन साल के लिए रिन्यूवल कराने की अनुमति दे दी है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने यह आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि विजय दर्डा को कई बार विदेश जाने की अनुमति मिल चुकी है और उन्होंने इस छूट का कोई दुरुपयोग नहीं किया. कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि सितंबर 2023 में दर्डा को मिली सजा निलंबित कर दी गई थी, जिसके दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि वे कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएंगे.
दर्डा ने कहा था कि उन्हें हमेशा ही प्रोफेशनल मीटिंग में भाग लेने के लिए विदेश जाना पड़ता है. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दर्डा का पासपोर्ट रिन्यूवल की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार के ऑफिस मेमोरेंडम में यह स्पष्ट किया गया है कि, जिस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा हो उसे केवल एक साल के लिए ही पासपोर्ट जारी किया जा सकता है. ऐसे में अगर दर्डा का पासपोर्ट रिन्यूवल करने का आदेश जारी किया जाता है, तो वो एक साल के लिए ही हो, न कि दस साल के लिए.
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बता दें कि 26 जुलाई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में विजय दर्डा, उनके पुत्र देवेंद्र दर्डा और मेसर्स जेएलडी यवतमाल के निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और पूर्व नौकरशाह केएस क्रोफा और के एस सामरिया को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी. इनके खिलाफ आरोप था कि तत्कालीन राज्यसभा सदस्य दर्डा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया था. मनमोहन सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था. कोर्ट ने इन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420और 120(बी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(डी) और 13(2) के तहत दोषी करार दिया था.
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