ETV Bharat / state

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्राओं का शिक्षकों द्वारा यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर जताई चिंता

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षकों द्वारा छात्राओं के यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई. कोर्ट ने यह टिप्पणी दिल्ली यूनिवर्सिटी के भारती कॉलेज के एक प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा.

दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 16, 2024, 3:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्राओं का उनके शिक्षकों द्वारा यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि शिक्षक और छात्र का संबंध काफी पवित्र होता है. किसी छात्र के विकास में शिक्षक का काफी योगदान होता है. कोर्ट ने ये टिप्पणी दिल्ली यूनिवर्सिटी के भारती कॉलेज के एक प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा.

दरअसल, प्रोफेसर ने याचिका दायर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से 6 लाख 42 हजार रुपए वसूलने के आदेश को चुनौती दी थी. डीयू के मुताबिक याचिकाकर्ता प्रोफेसर को 6 लाख 42 हजार रुपये ज्यादा दिए गए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि डीयू ने ये रकम प्रोफेसर को निलंबन के पहले सैलरी के रुप में दिए थे.

बता दें कि, प्रोफेसर के खिलाफ मिली कई शिकायतों के बाद उसे 6 फरवरी 2018 से जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था. प्रोफेसर की जबरन छुट्टी 5 जून तक ये कह कर बढ़ाई गई कि उसके खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं हुई है. वहीं, 9 जून को कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने कहा कि उसे निलंबित कर दिया गया है. 20 अगस्त को आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी (आईसीसी) ने कॉलेज के गवर्निंग बॉडी को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद गवर्निंग बॉडी ने 9 अक्टूबर 2018 को प्रोफेसर को अनिवार्य सेवानिवृत कर दिया.

उसके बाद ऑडिट मेमो के आधार पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने 20 जनवरी 2020 को प्रोफेसर को सूचित कर बताया कि कॉलेज के रिकॉर्ड के मुताबिक उसे 6 लाख 42 हजार रुपये ज्यादा वेतन दिए गए हैं और उसकी वसूली की जाएगी. वहीं, प्रोफेसर ने वसूली के इस पत्र को वापस लेने की मांग की.

सुनवाई के दौरान भारती कॉलेज की ओर से कहा गया कि कॉलेज प्रशासन को याचिकाकर्ता प्रोफेसर के खिलाफ कई छात्राओं की शिकायतें मिली थी. शिकायतों को आईसीसी को भेजा गया. आईसीसी ने प्रोफेसर का कॉलेज में प्रवेश करने पर रोक लगा दी. आईसीसी की संयोजक ने बताया कि पूछताछ में छात्राओं में असुरक्षा की भावना थी. छात्राओं में प्रोफेसर के प्रति काफी नाराजगी और गुस्सा दिखाई दिया. गुस्सा इस कदर था कि कि याचिकाकर्ता भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगा.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्राओं का उनके शिक्षकों द्वारा यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि शिक्षक और छात्र का संबंध काफी पवित्र होता है. किसी छात्र के विकास में शिक्षक का काफी योगदान होता है. कोर्ट ने ये टिप्पणी दिल्ली यूनिवर्सिटी के भारती कॉलेज के एक प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा.

दरअसल, प्रोफेसर ने याचिका दायर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से 6 लाख 42 हजार रुपए वसूलने के आदेश को चुनौती दी थी. डीयू के मुताबिक याचिकाकर्ता प्रोफेसर को 6 लाख 42 हजार रुपये ज्यादा दिए गए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि डीयू ने ये रकम प्रोफेसर को निलंबन के पहले सैलरी के रुप में दिए थे.

बता दें कि, प्रोफेसर के खिलाफ मिली कई शिकायतों के बाद उसे 6 फरवरी 2018 से जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था. प्रोफेसर की जबरन छुट्टी 5 जून तक ये कह कर बढ़ाई गई कि उसके खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं हुई है. वहीं, 9 जून को कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने कहा कि उसे निलंबित कर दिया गया है. 20 अगस्त को आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी (आईसीसी) ने कॉलेज के गवर्निंग बॉडी को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद गवर्निंग बॉडी ने 9 अक्टूबर 2018 को प्रोफेसर को अनिवार्य सेवानिवृत कर दिया.

उसके बाद ऑडिट मेमो के आधार पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने 20 जनवरी 2020 को प्रोफेसर को सूचित कर बताया कि कॉलेज के रिकॉर्ड के मुताबिक उसे 6 लाख 42 हजार रुपये ज्यादा वेतन दिए गए हैं और उसकी वसूली की जाएगी. वहीं, प्रोफेसर ने वसूली के इस पत्र को वापस लेने की मांग की.

सुनवाई के दौरान भारती कॉलेज की ओर से कहा गया कि कॉलेज प्रशासन को याचिकाकर्ता प्रोफेसर के खिलाफ कई छात्राओं की शिकायतें मिली थी. शिकायतों को आईसीसी को भेजा गया. आईसीसी ने प्रोफेसर का कॉलेज में प्रवेश करने पर रोक लगा दी. आईसीसी की संयोजक ने बताया कि पूछताछ में छात्राओं में असुरक्षा की भावना थी. छात्राओं में प्रोफेसर के प्रति काफी नाराजगी और गुस्सा दिखाई दिया. गुस्सा इस कदर था कि कि याचिकाकर्ता भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.