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मानसून के पूर्व नालों की सफाई को लेकर सरकार कराएगी थर्ड पार्टी ऑडिट, मंत्री ने मुख्य सचिव को दिया आदेश - Delhi Monsoon

Third party audit of drain In Delhi: दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया कि वे 30 जून तक पीडब्ल्यूडी और एमसीडी जैसी एजेंसियों द्वारा नालों की सफाई का तीसरे पक्ष से ऑडिट कराएं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 14, 2024, 10:55 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में मानसून की दस्तक देने से पहले जलभराव की समस्या दूर करने के लिए सरकारी एजेंसियां नालों की सफाई करती हैं. इस बार शहर के नालों की सफाई ठीक तरह से हुई है या नहीं दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके ऑडिट करने का निर्देश दिए हैं. इसी सप्ताह मंत्री ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार से उन नालों की सूची मांगी थी, जिससे गाद निकालने की बात कही जा चुकी है.

अब मंत्री सौरभ भारद्वाज ने निर्देश दिया है कि जिन नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, 30 जून तक एक स्वतंत्र संस्था के जरिए ऑडिट कराया जाए की गाद निकला है या नहीं. दरअसल, प्रत्येक वर्ष बारिश के दौरान जब शहर में जल भराव से लोगों को परेशानी होती है तब आरोप लगते हैं कि सरकार और संबंधित एजेंसी ने नालों की सफाई नहीं की, जिस वजह से बारिश का पानी नहीं निकल पाया. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मानसून से पहले यह ऑडिट करवाने से पता लग जाएगा कि एजेंसी ने किस तरह काम किया है, और कहां कमी रह गई है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में जल संकट गहराया, हिमाचल प्रदेश ने कहा- हमारे पास अतिरिक्त पानी नहीं

पिछले वर्ष मानसून के दौरान दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर लोक निर्माण विभाग ने दावा किया था कि 2156 किलोमीटर नालों में से लगभग 61 फीसद नालों यानि 1293 किलोमीटर नालों की गाद पूरी तरह निकाल दी गई है. इसी तरह एमसीडी ने भी दावा किया था की लगभग 85 फीसद नालों की सफाई हो चुकी है. लेकिन जलभराव की समस्या जिस तरह हुई उसे पर विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी नालों की सफाई को लेकर गत वर्ष टिप्पणी की थी कि नालों से गाद निकालने के दावे सिर्फ कागजों पर होते हैं. इसलिए थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाए, ताकि नालों की डीसिल्टिंग हो जाएगी तो जल भराव का खतरा कम हो जाएगा. शहरी इलाकों में पानी भरने के विभिन्न अलग अलग कारण हैं, जिनकी जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों जैसे कि डीडीए, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली नगर निगम आदि के पास है.

यह भी पढ़ें- टेली रोबोटिक सर्जरी से अब 1000 किलोमीटर दूर बैठकर भी हो सकेगा ऑपरेशन, जानिए कैसे काम करती है ये तकनीक

नई दिल्ली: राजधानी में मानसून की दस्तक देने से पहले जलभराव की समस्या दूर करने के लिए सरकारी एजेंसियां नालों की सफाई करती हैं. इस बार शहर के नालों की सफाई ठीक तरह से हुई है या नहीं दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके ऑडिट करने का निर्देश दिए हैं. इसी सप्ताह मंत्री ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार से उन नालों की सूची मांगी थी, जिससे गाद निकालने की बात कही जा चुकी है.

अब मंत्री सौरभ भारद्वाज ने निर्देश दिया है कि जिन नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, 30 जून तक एक स्वतंत्र संस्था के जरिए ऑडिट कराया जाए की गाद निकला है या नहीं. दरअसल, प्रत्येक वर्ष बारिश के दौरान जब शहर में जल भराव से लोगों को परेशानी होती है तब आरोप लगते हैं कि सरकार और संबंधित एजेंसी ने नालों की सफाई नहीं की, जिस वजह से बारिश का पानी नहीं निकल पाया. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मानसून से पहले यह ऑडिट करवाने से पता लग जाएगा कि एजेंसी ने किस तरह काम किया है, और कहां कमी रह गई है.

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पिछले वर्ष मानसून के दौरान दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर लोक निर्माण विभाग ने दावा किया था कि 2156 किलोमीटर नालों में से लगभग 61 फीसद नालों यानि 1293 किलोमीटर नालों की गाद पूरी तरह निकाल दी गई है. इसी तरह एमसीडी ने भी दावा किया था की लगभग 85 फीसद नालों की सफाई हो चुकी है. लेकिन जलभराव की समस्या जिस तरह हुई उसे पर विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी नालों की सफाई को लेकर गत वर्ष टिप्पणी की थी कि नालों से गाद निकालने के दावे सिर्फ कागजों पर होते हैं. इसलिए थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाए, ताकि नालों की डीसिल्टिंग हो जाएगी तो जल भराव का खतरा कम हो जाएगा. शहरी इलाकों में पानी भरने के विभिन्न अलग अलग कारण हैं, जिनकी जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों जैसे कि डीडीए, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली नगर निगम आदि के पास है.

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