नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की ओर से पिछले साल अप्रैल माह में करीब 50 विभागों से जुड़ी 180 वेबसाइट को इंटीग्रेट करते हुए पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल की लॉन्चिंग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पूरे जोर शोर से की गई थी. इसको लॉन्च करने का मकसद आम लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से एक से दूसरे वेबसाइट सर्च करने में आने वाली परेशानियों को दूर करना था और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना था.
बेहतर वेबसाइट होने का किया था दावा
दिल्ली के सीएम केजरीवाल की ओर से इस पोर्टल को लॉन्च करने का मकसद लोगों को बिना सर्वर डाउन की समस्या का सामना किए सभी विभागों की सेवाएं और सटीक जानकारी वेबसाइट के जरिए मुहैया कराना था. सीएम ने इस प्रोजेक्ट की जमकर तारीफ भी की थी और आईटी विभाग की खूब पीठ थपथपायी थी. सीएम ने दिल्ली सरकार के एक पोर्टल पर लॉन्च हुई 180 वेबसाइट के इंटीग्रेटेड होने की बात कही थी. यह भी दावा किया था कि आम लोगों को इससे काफी सुविधा होगी और एक क्लिक के जरिए सभी सेवाओं के साथ-साथ सभी जरूरी जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी लेकिन सालभर के भीतर यह वेबसाइट आईटी डिपोर्टमेंट की घोर उपेक्षा को दर्शा रही है.
दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मेन पोर्टल पर अगर आप मुख्य पेज पर विजिट करने के बाद About us में Who's Who ऑप्शन पर जाएंगे तो तमाम खामियां आपको यहीं पर मिल जाएंगी. इस पर 'काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स ऑफिस' से लेकर 'मैंबर ऑफ पार्लियामेंट' और 'एंटी करप्शन ब्रांच' के पेज पर विवरण को देखकर आपका दिमाग चकरा जाएगा. इस इन सब पेज पर पुरानी अपडेट की भरमार देखने को मिल जाएगी. ऐसा तब है जब दिल्ली सरकार का एक भारी भरकम आईटी डिपार्टमेंट इसका पूरा जिम्मा संभालता है लेकिन विभाग की निष्क्रियता यहां पर पूरी तरह से देखने को मिल जाएगी.
सौरभ भारद्वाज संभाल रहे हैं जल मंत्रालय
हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब कोई आम व्यक्ति दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के पोर्टफोलियों की कोई जानकारी हासिल करना चाहे तो उसको वहां सब कुछ उल्टा पुल्टा ही नजर आएगा. दिल्ली में गहराए जल संकट के समय में भले ही दिल्ली की जल मंत्री आतिशी पूरा मोर्चा संभाले हुए हैं लेकिन वेबसाइट की माने तो दिल्ली सरकार के जल मंत्री आज भी सौरभ भारद्वाज ही हैं. इतना ही नहीं विधि एवं कानून, राजस्व, वित्त, योजना आदि जैसे विभागों की जिम्मेदारी आज भी मंत्री कैलाश गहलोत संभाल रहे हैं जबकि इन सभी विभागों का जिम्मा भी मंत्री आतिशी को काफी वक्त पहले ही दिया जा चुका है.
मंत्री आतिशी के पास वर्तमान में 11 विभागों की जिम्मेदारी है जिसमें शिक्षा, उच्च शिक्षा, टीटीई, पीडब्ल्यूडी, पावर, जल, विधि एवं कानून, राजस्व, योजना, पब्लिक रिलेशन और फाइनेंस विभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं लेकिन वेबसाइट पर सब कुछ आधा अधूरा और भ्रमित करने वाली जानकारी उपलब्ध है.
राजकुमार आनंद संभाल रहे अभी भी सात विभाग
इतना ही नहीं दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके राजकुमार आनंद का इस्तीफा भले ही राष्ट्रपति की ओर से मंजूर कर लिया गया हो लेकिन आधिकारिक वेबसाइट पर आज भी वह बतौर कैबिनेट मंत्री 7 विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. सौरभ भारद्वाज आधिकारिक वेबसाइट पर छह विभागों के अलावा जल मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं.
दिलचस्प बात यह भी है कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों की नाकामियों को उजागर करने वाली एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) चीफ का जिम्मा आज भी एस एस यादव संभाल रहे हैं जबकि इस पद पर अगस्त 2022 में एडिशनल पुलिस कमिश्नर और 2005 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी मधुर वर्मा को एसीबी का नया चीफ नियुक्त किया गया था. हालांकि, विजिलेंस विभाग के अंतर्गत आने वाले एसीबी के चीफ को विभाग के पेज पर अपडेट करने का काम जरूर किया गया है. लेकिन मैन पेज पर आज भी आईपीएस अधिकारी एसएस यादव एसीबी चीफ बने हुए हैं.
इसके अलावा अन्य दूसरी खामियां भी देखी जा सकती है जिसमें दिल्ली के सातों पूर्व सांसद (मनोज तिवारी को छोड़कर) आज भी 'मैंबर ऑफ पार्लियामेंट' है जबकि नवनिर्वाचित सांसदों का गजट नोटिफिकेशन तक भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से जारी किया जा चुका है. वहीं, इस साल 19 जनवरी 2024 को दिल्ली की तीन सीटों पर राज्यसभा का चुनाव संपन्न हुआ था जिन पर पुन: संजय सिंह और एन.डी. गुप्ता राज्यसभा के सांसद निर्वाचित हुए थे. तीसरे राज्यसभा सांसद के रूप में दिल्ली महिला आयोग की पूर्व सांसद स्वाति मालीवाल को चुना गया था लेकिन सरकार की आधिकारिक वेबसाइट आज भी स्वाति मालीवाल की जगह सुशील कुमार गुप्ता को ही राज्यसभा सांसद बता रही है.
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