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दिल्ली सरकार ने CAG रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने के लिए LG को भेजी - DELHI CAG REPORT PENDING CASE

-दिल्ली सरकार ने आबकारी, प्रदूषण और वित्त से संबंधित CAG रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने के लिए उप-राज्यपाल को भेजी.

सीएम आतिशी और उपराज्यपाल वीके सक्सेना
सीएम आतिशी और उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आबकारी कर, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सीएजी रिपोर्ट विधनसभा पटल पर रखने के लिए उप-राज्यपाल को भेज दी है. दिल्ली सरकार ने ये बातें दिल्ली हाईकोर्ट में कही है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ सुधीर प्रदीप नंद्राजोग ने कहा कि दिल्ली की सीएम आतिशी के पास वित्त विभाग है. उन्हें ये सूचित करने का मौखिक निर्देश मिला है कि उन्होंने सीएजी रिपोर्ट उप-राज्यपाल को भेजा है, लेकिन वे इस संबंध में लिखित में नहीं दे सकते. सुनवाई के दौरान एलजी की ओर से पेश वकील ने कहा कि 11 दिसंबर की रात में 10 फ़ाइल एलजी दफ्तर विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भेजी गई. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी की ओर से पेश वकीलों को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में अपना हलफनामा दाखिल करें.

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता समेत 7 बीजेपी विधायकों ने 2017 से लेकर 2021 तक के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने की मांग करते हए याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को दिल्ली सरकार, दिल्ली विधानसभा स्पीकर, सीएजी और उप-राज्यपाल के दफ्तर को नोटिस जारी किया था.

याचिका में कहा गया है कि ये सभी सीएजी रिपोर्ट दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के पास लंबित है. याचिका दायर करने वालों में विजेंद्र गुप्ता के अलावा विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल बाजपेई और जितेंद्र महाजन शामिल हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वकील नीरज और सत्यरंजन स्वैन ने याचिका में दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की है कि वह सीएजी की रिपोर्ट्स को उप-राज्यपाल को भेजें, ताकि वह इन रिपोर्ट्स को दिल्ली विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत कर सकें.

याचिका में कहा गया है कि 2017-2018 से 2021-2022 के बीच शराब, प्रदूषण, वित्तीय मामलों आदि से संबंधित 12 सीएजी रिपोर्ट्स को दिल्ली सरकार ने उप-राज्यपाल को नहीं भेजा है. सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप-राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है.

याचिका में ये भी कहा गया है कि इससे पहले भी बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने आतिशी के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया है. याचिका में दिल्ली सरकार, विधानसभा अध्यक्ष, उप-राज्यपाल, सीएजी और दिल्ली के लेखा महानियंत्रक (ऑडिट) को प्रतिवादी बनाया गया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आबकारी कर, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सीएजी रिपोर्ट विधनसभा पटल पर रखने के लिए उप-राज्यपाल को भेज दी है. दिल्ली सरकार ने ये बातें दिल्ली हाईकोर्ट में कही है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ सुधीर प्रदीप नंद्राजोग ने कहा कि दिल्ली की सीएम आतिशी के पास वित्त विभाग है. उन्हें ये सूचित करने का मौखिक निर्देश मिला है कि उन्होंने सीएजी रिपोर्ट उप-राज्यपाल को भेजा है, लेकिन वे इस संबंध में लिखित में नहीं दे सकते. सुनवाई के दौरान एलजी की ओर से पेश वकील ने कहा कि 11 दिसंबर की रात में 10 फ़ाइल एलजी दफ्तर विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भेजी गई. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी की ओर से पेश वकीलों को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में अपना हलफनामा दाखिल करें.

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता समेत 7 बीजेपी विधायकों ने 2017 से लेकर 2021 तक के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने की मांग करते हए याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को दिल्ली सरकार, दिल्ली विधानसभा स्पीकर, सीएजी और उप-राज्यपाल के दफ्तर को नोटिस जारी किया था.

याचिका में कहा गया है कि ये सभी सीएजी रिपोर्ट दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के पास लंबित है. याचिका दायर करने वालों में विजेंद्र गुप्ता के अलावा विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल बाजपेई और जितेंद्र महाजन शामिल हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वकील नीरज और सत्यरंजन स्वैन ने याचिका में दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की है कि वह सीएजी की रिपोर्ट्स को उप-राज्यपाल को भेजें, ताकि वह इन रिपोर्ट्स को दिल्ली विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत कर सकें.

याचिका में कहा गया है कि 2017-2018 से 2021-2022 के बीच शराब, प्रदूषण, वित्तीय मामलों आदि से संबंधित 12 सीएजी रिपोर्ट्स को दिल्ली सरकार ने उप-राज्यपाल को नहीं भेजा है. सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप-राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है.

याचिका में ये भी कहा गया है कि इससे पहले भी बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने आतिशी के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया है. याचिका में दिल्ली सरकार, विधानसभा अध्यक्ष, उप-राज्यपाल, सीएजी और दिल्ली के लेखा महानियंत्रक (ऑडिट) को प्रतिवादी बनाया गया है.

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