नई दिल्ली: दिल्ली-यूपी के बॉर्डर पर तीन दिन पहले हुए हादसे में जान गंवाने वाले मां-बेटे की मौत से पूरा परिवार सदमे में है. तेज बारिश की वजह से तनुजा (24) और उसका बेटा नाले में बह गया था. लापरवाह सिस्टम की वजह से एक हंसता खेलता परिवार मौत की भेट चढ़ा गया. वहीं, दूसरी ओर इस घटना को लेकर है, इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा शुरू हो गया है.
दरअसल, मां- बेटे की मौत जिस नाले में गिरकर हुई है उसे नाले को दिल्ली सरकार डीडीए का नाला बता रही है. वहीं, दूसरी तरफ उपराज्यपाल कार्यालय ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह नाला दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधीन आता है. नाला खुला था तो इसके लिए एमसीडी जिम्मेदार है. एमसीडी की लापरवाही से मां-बेटे की जान गई है. शनिवार को दिल्ली सरकार व एमसीडी में काबिज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, नेता इस लापरवाही के लिए डीडीए को जिम्मेदार बताते हुए उपराज्यपाल के निवास पर प्रदर्शन किया था. पुलिस के मुताबिक, तनुजा गाज़ियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में अंबेडकर नगर में रहती थी.
आज हम LG के सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने आये हैं क्योंकि LG की DDA की लापरवाही के कारण नाले में गिरने से माँ-बेटे की मौत हो गई।
— AAP (@AamAadmiParty) August 3, 2024
इस घटना में DDA का नाम आते ही LG और BJP भाग खड़े हुए। LG साहब, DDA के दोषी अधिकारियों पर एक्शन लें और ख़ुद इस्तीफ़ा दें।
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एलजी कार्यालय ने दिया स्पष्टीकरण: स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार, आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे, सांसद संजय सिंह ने इस घटना के लिए डीडीए को जिम्मेदार ठहराया और उपराज्यपाल वीके सक्सेना से इस्तीफा की मांग की. उनका कहना है कि डीडीए एलजी के अधीन आता है और वह इस घटना की जिम्मेदारी लें. हालांकि, एलजी कार्यालय ने आम आदमी पार्टी के इन नेताओं के बयान को खारिज करते हुए बताया कि खोड़ा कॉलोनी में जिस नाले में डूबने किया घटना हुई वह एमसीडी के अधीन आता है. जिस पर आम आदमी पार्टी का नियंत्रण है. ऐसे में दूसरी एजेंसी पर आरोप मढ़ना गलत है.
एलजी पर हमलावर हुई AAP: उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दिए गए इस स्पष्टीकरण से आम आदमी पार्टी और हमलावर हो गई. उनका कहना है कि जब सरकार व एमसीडी पर कोई आरोप लगता तो उपराज्यपाल तुरंत एक्शन मोड में आ जाते हैं. लेकिन डीडीए के जिस नाले में यह हादसा हुआ उसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं लेते हैं? क्या अब वह अपने आप को दिल्ली का मुखिया नहीं मानते हैं. आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल सचिवालय से दी गई सफाई को लेकर कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली पुलिस की तरह ही रुख अपना रहे हैं. दुर्घटना वाले दिन दिल्ली पुलिस खोज और बचाव कार्यों में सहायता करने के बजाय यूपी पुलिस के साथ अधिकार क्षेत्र को लेकर झगड़ा किया था, जैसा कि स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया.
DDA के नाले में गिरकर एक माँ और उसके बच्चे की मौत हो गई, DDA पूरी तरह से LG के अधीन है।
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माँ-बेटे की मौत के लिए LG और DDA ज़िम्मेदार है। LG दिल्ली सरकार के काम रोकेंगे और मंत्रियों को Love Letter लिखेंगे लेकिन उनके पास जो Law & Order और DDA की ज़िम्मेदारी है, वो इनसे सँभाली नहीं… pic.twitter.com/MUCxOjM7cM
जब भी किसी मामले में दोष आम आदमी पार्टी पर मढ़ा जा सकता है, तो उपराज्यपाल फोटो-ऑप के लिए आने में जल्दबाजी करते हैं, लेकिन इस मामले में उनकी अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से उनकी दुर्भावना को दर्शाती है. एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाला नाला, जिसे हाल ही में डीडीए द्वारा एमसीडी को हस्तांतरित किया गया है, दुर्घटना स्थल से 25-30 मीटर दूर समाप्त होता है. डीडीए द्वारा बनाया गया नाला बाजार के प्रवेश द्वार पर है, जो आरसीसी स्लैब से ढका हुआ है, इसमें एक खुला मैनहोल है जिसमें बच्चा और मां गिर गए.
आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार का कहना है कि उपराज्यपाल को जनता को गुमराह करना बंद करना चाहिए और जवाबदेही स्वीकार करनी चाहिए और शोक संतप्त परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए. एमसीडी की रिपोर्ट भी है, जिसमें डीडीए अधिकारियों ने मौके पर स्वीकार किया कि दुर्घटना स्थल डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आता है.
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यह है पूरी घटना: बुधवार शाम को दिल्ली एनसीआर में हुई तेज बारिश के चलते पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार से सटे खोड़ा कॉलोनी में भी जबरदस्त जलभराव हुआ था. स्थानीय लोगों के अनुसार महिला अपने बेटे के साथ कॉलोनी के बाजार में सामान लेने गई थी. इस दौरान हुई बारिश और जलभराव हुआ कि जब वह वापस लौट रही थी तो उसे नाले का पता नहीं चला और दोनों उसमें गिर गए. आसपास के लोगों ने महिला को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन जलभराव और पानी का बहाव ऐसा था कि दोनों नाले के अंदर बह गए. जब उन्हें बाहर निकल गया तब उनकी मौत हो चुकी थी.
बुधवार की रात जिस जगह पर हादसा हुआ वह दिल्ली में की सीमा में हुआ था. लेकिन महिला का शव जहां बरामद हुआ वह गाजियाबाद की सीमा पड़ता था. इस वजह से सीमा विवाद में भी दिल्ली और यूपी की पुलिस फंसी रही. बाद में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया.