नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को ग्रैप- 3 के नियम को सख्ती से लागू करवाने के लिए कश्मीरी गेट आईएसबीटी का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी भी मौजूद रहे. कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के औचक निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि आसपास के राज्यों से प्रतिबंध के बाद भी बीएस 4 बसें बस अड्डे पर आ रही है.
इसपर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एनफोर्समेंट टीम ने हरियाणा और उत्तराखंड सरकार की बीएस-4 की डीजल बसों का चालान किया. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण, भाजपा की सरकारें बढ़ा रही है और प्रतिबंध होने के बावजूद बीएस-4 डीजल बसों को दिल्ली भेजा रहा है. भाजपा की सरकारें जान-बूझकर दिल्ली का प्रदूषण बढ़ाने के लिए डीजल बसें भेज रही हैं, जो यहां प्रतिबंधित हैं.
भाजपा की सरकारें बढ़ा रही प्रदूषण: गोपाल राय ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, वास्तव में दिल्ली में जो प्रदूषण है उसमें दिल्ली के स्त्रोतों का योगदान 30 प्रतिशत ही है और शेष एनसीआर के जिलों का योगदान है. दिल्ली सरकार, दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समर एक्शन और विंटर एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण कम करने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन भाजपा की सरकार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा रही है. आनंद विहार में उत्तर प्रदेश से डीजल की बसें आ रही है, जिससे वहां प्रदूषण बढ़ रहा है. दिल्ली में हरियाणा व राजस्थान से भी डीजल बसें आ रही हैं.
लगाई गई टीम: निरीक्षण के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वहां पर बाहर से आनी वाली बसों की जांच की और पाया कि कुछ बीएस-4 बसों का दिल्ली में अब भी प्रवेश हो रहा है. उन्होंने परिवहन विभाग को इसके लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि प्रतिबंध को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग की 84 टीम और ट्रैफिक पुलिस की 280 टीम लगाई गई है. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इन वाहनों को प्रवेश की छूट: साथ ही बीएस-3 स्टैंडर्ड या इससे नीचे के दिल्ली रजिस्टर्ड डीजल मीडियम गुड्स वीकल (एमजीवी) दिल्ली में नहीं चल सकेंगे. बीएस-3 और इससे नीचे के डीजल एलसीवी मीडियम गुड्स कैरियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा. हालांकि जरूरी सामान और सेवा से जुड़े वाहनों को इसमें छूट दी गई है. एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को आने की छूट दी गई है. अगर इसका कोई उल्लंघन करता है तो 20,000 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा.
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