नई दिल्ली: दिल्ली निर्वाचन आयोग ने पुलिस से चुनाव बाद की किसी भी योजना के लिए मतदाताओं के पंजीकरण में शामिल राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है. 11 मई को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे एक पत्र में ऐसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों और जिला पुलिस को सक्रिय और अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया.
पत्र में कहा गया था कि दिल्ली चुनाव कार्यालय को "कुछ" राजनीतिक दलों द्वारा सर्वेक्षण की आड़ में चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए "मतदाता पंजीकरण" करने की शिकायतें मिली. इसमें कहा गया कि ऐसी पार्टियां अपनी संभावित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मतदाताओं से मैन्युअल या डिजिटल तरीके से फॉर्म भरने के लिए कह रही हैं. इतना ही नहीं कुछ राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए व्यक्तियों को पंजीकृत करने और संभावित व्यक्तिगत लाभों का विवरण देने वाले पर्चे के रूप में गारंटी कार्ड वितरित करने के साथ-साथ मतदाताओं के नाम, उम्र जैसे विवरण मांगने की शिकायतें भी प्राप्त हुई थी.
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आयोग ने कहा कि इन शिकायतों के सदेह पर दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है. पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने को कहा है. निर्वाचन आयोग ने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए और 123(1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (बी) के तहत योजना के लिए मतदाताओं के पंजीकरण में शामिल राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर सकती है. बता दें, दिल्ली में सात लोकसभा सीटें हैं और यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होने वाला है. नतीजे 4 जून को आएंगे.
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