नई दिल्ली: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के खिलाफ देशभर में डॉक्टर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस गोल चक्कर पर आरएमएल हॉस्पिटल, एम्स हॉस्पिटल, सफदरजंग हॉस्पिटल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज समेत दिल्ली के तमाम अस्पतालों के डॉक्टरों ने पैदल मार्च निकाला और इंसाफ की गुहार लगाई. इस दौरान कनॉट प्लेस गोल चक्कर पर भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात कर कर दिया गया था. डॉक्टरों के पैदल मार्च के साथ दिल्ली पुलिस के जवान और अर्ध सैनिक बल के जवान भी चल रहे थे.
इस दौरान डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन बार-बार सिर्फ आश्वासन दिया गया है. कोई भी कानून नहीं बनाया जाता है. हर बार डॉक्टर हिंसा का शिकार होते हैं. हाथों में पोस्टर बैनर लेकर नजर आए डॉक्टर मांग कर रहे थे कि आखिर दोषियों के ऊपर कब कारवाई होगी. अस्पताल के अंदर जब डॉक्टर सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित होंगे. डॉक्टरों ने करीब 2 से 4 किलोमीटर पैदल मार्च किया.
वहीं, सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट एक्शन कमेटी ने फिर सभी आरडीए के साथ बैठक करके मांगें माने जाने तक प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया है. सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट एक्शन कमेटी का गठन दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मिलकर किया है. रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की लड़ाई को वे इस एक्शन कमेटी के बैनर तले लड़ रहे हैं. सरकार द्वारा मांगें माने जाने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
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