नई दिल्ली: सात अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. यह दिवस कई स्वास्थ्य मुद्दों जैसे कि मलेरिया, एचआईवी-एड्स, कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. यह दिवस लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जिसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ भोजन, तंबाकू और शराब से परहेज शामिल है. इस दिन लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, विचार गोष्ठी, हेल्थ चेकअप कैंप एवं वेबीनार का आयोजन किया जाता है.
इसी के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में रविवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अंतर्गत कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस बार की विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार रखी गई है. विश्व स्वास्थ्य दिवस को लेकर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के पूर्व रजिस्ट्रार एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि देश और दुनिया में चाहे कितने भी अस्पताल, इलाज की सुविधा, डॉक्टर और नर्स की व्यवस्था कर दी जाए. लेकिन, ये सभी सुविधाएं आपके स्वास्थ्य की गारंटी नहीं देती है. आपके स्वास्थ्य की गारंटी आपको खुद ही रखनी पड़ती है. इसके लिए अपनी जीवन शैली और खानपान दो चीजों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
डॉक्टर अनिल चतुर्वेदी ने कहा हमारे देश में सबसे अधिक लोग खराब जीवन शैली के कारण होने वाले रोगों से ग्रसित हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या डायबिटीज के रोगियों की है. देश में 8 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं. इसके अलावा 40 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर से परेशान रहते हैं. प्रतिवर्ष 80 लाख लोग हार्ट की बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं. देश में कैंसर के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. किडनी और लिवर की बीमारियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन, जिस तरह से इस बार के स्वास्थ्य दिवस की थीम मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार रखी गई है उसको ध्यान में रखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति खुद ही जिम्मेदार लेनी होगी.
खुद को स्वस्थ रखने के लिए उठाएं ये कदम: उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए सुबह व्यायाम करना चाहिए. योगा करना चाहिए. दो बादाम और दो अखरोट और करीब आधा किलो फल जरुर खाने चाहिए. यह आपको स्वस्थ रखने की गारंटी देते हैं. प्रत्येक व्यक्ति को 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. इसके अलावा शारीरिक श्रम भी करना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को एक दिन में सिर्फ 5 ग्राम नमक खाना चाहिए. लेकिन, अधिकतर लोग 17 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं, जो स्वाथ्य के लिए हानिकारक होता है. हरी सब्जियां, सलाद, फल और दालें अपने आहार में शामिल करनी चाहिए. लेकिन, आज की युवा पीढ़ी जंक फूड का अधिक सेवन कर रही है, जिससे भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं.
दूसरे राज्यों की स्वास्थ्य सेवाएं हो ठीक: स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉक्टर अंशुमान कुमार का कहना है कि दिल्ली में अगर दूसरे राज्यों की तुलना में बात करें तो स्वास्थ्य सुविधाएं उनसे काफी ठीक है. दिल्ली में डॉक्टर और मरीज का अनुपात प्रति 1000 पर तीन डॉक्टर है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से तीन गुना अधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानक प्रति 1000 मरीजों पर एक डॉक्टर है. लेकिन, अगर हम देश की राजधानी के तौर पर अन्य देशों की राजधानी से यहां की तुलना करें तो उनके मुकाबले स्वास्थ्य सुविधाएं (अस्पताल और बेड) कमतर साबित होती हैं.
अगर हम एक छोटे से देश दक्षिण कोरिया को ही ले लें तो उसकी राजधानी सियोल है. अगर हम सियोल की स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें और दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो उनमें काफी अंतर है. सियोल की स्वास्थ्य सुविधाएं काफी बेहतर हैं. वहां पर अस्पताल में भर्ती होने के लिए मरीजों को भटकना नहीं पड़ता है. वहां हर बीमारी के मरीज को तुरंत इलाज मिलता है. इसका एक कारण यह है कि दिल्ली में देशभर से इलाज कराने के लिए मरीज आते हैं, जिससे यहां की स्वास्थ्य सेवाएं कम पड़ जाती हैं. इसलिए इसका सही समाधान तभी होगा जब दूसरे राज्यों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारी जाएं.
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति:
एजेंसी का नाम | अस्पतालों की संख्या | बेड की संख्या |
दिल्ली सरकार के अस्पताल | 40 | 14244 |
दिल्ली नगर निगम | 47 | 3625 |
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद | 2 | 221 |
केंद्र सरकार के अस्पताल | 19 | 9544 |
अन्य स्वायत्त संस्थान | 5 | 786 |
निजी नर्सिंग होम और अस्पताल | 1050 | 27540 |
प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं:
- डिस्पेंसरी-1621
- पॉलिक्लिनिक- 44
- पीएचसी- 48
दिल्ली में इलाज के लिए सबसे ज्यादा आते हैं कैंसर मरीज: डॉक्टर अंशुमान ने बताया कि देश के सभी राज्यों से दिल्ली में इलाज कराने के लिए सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज आते हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर हार्ट संबंधी समस्याओं के मरीज आते हैं. क्योंकि अन्य राज्यों में कार्डियोलॉजी विभाग से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.
कब से मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस: विश्व स्वास्थ्य दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. डबल्यूएचओ की स्थापना सात अप्रैल 1948 को हुई थी. इसके बाद सात अप्रैल 1950 से डबल्यूएचओ के सदस्य देशों के द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाना शुरू किया गया.