नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की नार्दन रेंज की क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तम नगर के एक मर्डर मामले को सुलझाते हुए 24 साल से फरार चल रहे एक वांछित अपराधी को धर दबोचा है. आरोपी की पहचान सकेंद्र यादव उर्फ शक्की के रूप में की गई है, जो अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर सहकर्मी की हत्या करने के मामले में वांटेड था. क्राइम ब्रांच ने इससे पहले फरार आरोपी पप्पू यादव को बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया था. मृतक राम स्वरूप ऊर्फ मोदी यादव आरोपी पप्पू यादव के गांव का ही था.
क्राइम ब्रांच डीसीपी सतीश कुमार के मुताबिक पुसिस को मुखबिर से आरोपी के बारे में खुफिया सूचना मिली थी. जिसके बाद सकेंद्र यादव को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की गई और आरोपी सकेंद्र को नालंदा से गिरफ्तार कर लिया गया. वह पिछले 24 वर्षों से फरार था. दिल्ली की एक कोर्ट ने उसको 26 मई 2000 को भगोड़ा घोषित कर दिया था. इसके बाद से पुलिस को उसकी तलाश थी. पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था.
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह पप्पू यादव, मोंटू यादव और विजय के साथ रामस्वरूप यादव उर्फ मोदी की हत्या में शामिल था. उन्होंने मृतक के शव को फैक्ट्री के भीतर एक कमरे में कच्चे प्लास्टिक की परतों के नीचे फेंक दिया और कमरे को बाहर से बंद कर दिया. गिरफ्तारी से बचने के लिए कई शहरों में रहा. शुरुआत के 2-3 साल तक सूरत में रहा, जहां उसने एक कपड़ा मिल में काम किया. फिर वह पटना चला गया और उसने मजदूर का काम किया. बाद में पटना में एक किराना होम डिलीवरी कंपनी (आरसीएम) में नौकरी शुरू की और वह अपने परिवार के साथ पटना में बस गया.
क्या था पूरा मामला: नालंदा, बिहार के चंदो यादव ने 4 फरवरी 2000 में उत्तम नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवायी थी कि उसका भाई राम स्वरूप ऊर्फ मोदी यादव लापता है. उसको आखिरी बार मोंटू यादव, सकेंद्र यादव और विजय यादव के साथ दिल्ली के मटियाला में पप्पू यादव की फैक्ट्री में काम करते देखा गया था. शिकायकर्ता ने बताया था कि बाकी दूसरे मजदूर बिहार अपने घर लौट आए थे, लेकिन राम स्वरूप नहीं लौटा था.
इस मामले में जब पप्पू यादव से पूछताछ की गई थी तो उसने दावा किया था कि राम स्वरूप ने कहीं और काम करने के लिए फैक्ट्री छोड़ दी थी. बाद में राम स्वरूप का शव पप्पू यादव की फैक्ट्री में प्लास्टिक की थैलियों में मिला था. इसके बाद उत्तम नगर थाना पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान इस मामले में आरोपी मोंटू यादव और विजय यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन पप्पू यादव और सकेंद्र यादव पहले ही फरार हो गये थे. पप्पू यादव को जून में गिरफ्तार कर लिया गया था तो अब सकेंद्र यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
ये भी पढ़ें: खुद की फैक्ट्री में कर दिया था लेबर का मर्डर, 24 साल बाद क्राइम ब्रांच ने नालंदा से दबोचा
ये भी पढ़ें: दिल्ली: MTNL के रिटायर्ड कर्मचारी की चाकू मारकर हत्या, जांच शुरू