नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की दरियागंज टीम ने एक नृशंस हत्या मामले में पैरोल पर फरार चल रहे भगोड़े अपराधी को धरदबोचने में कामयाबी हासिल की है. आरोपी की पहचान अजय कुमार महतो (30), सीतामढ़ी, बिहार के रूप में की गई है. उसने अपने 5 अन्य साथियों के साथ मिलकर दिल्ली के निहाल विहार इलाके में साल 2013 में अपने अपने मालिक की मर्डर कर दिया था. इतना ही नहीं मृतक की पहचान नहीं हो सके, इसके लिए उसके चेहरे को पत्थरों से बुरी तरह से कुचल कर विकासपुरी के गंदे नाले में फेंक दिया था. आरोपी की गिरफ्तारी वरेली (सूरत, गुजरात) से की गई है.
कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया: क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) के डीसीपी राकेश पावरिया ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के निहाल विहार इलाके में साल 2013 में अजय कुमार महतो और उसके साथियों ने एक शख्स की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. निहाल विहार थाने में आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में 302/120-बी/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले के मुख्य आरोपी अजय कुमार महतो को सभी सह आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. कोरोना महामारी के दौरान कोर्ट के आदेश पर आरोपी महतो को पैरोल दी गई थी लेकिन पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद उसने सरेंडर नहीं किया. इसके बाद उसको कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. इसके चलते क्राइम ब्रांच आरोपी की तलाश में जुटी थी.
गुजरात के सूरत में छिपा था आरोपी: एसीपी पवन कुमार के समग्र पर्यवेक्षण और इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया. टीम को खुफिया इनपुट मिला कि निहाल विहार मर्डर मामले में शामिल एक फरार अपराधी अजय कुमार महतो गुजरात के सूरत में कहीं छिपा हुआ है और उसके खिलाफ छापेमारी की गई तो उसको पकड़ लिया जाएगा. इसके बाद टीम सूरत, गुजरात के लिए रवाना हुई और वहां पहुंचकर जमीनी स्तर पर कड़ी निगरानी की गई और टेक्नीकल सर्विलांस की मदद से आरोपी अजय कुमार महतो के ठिकाने का पता चला जोकि वल्लभ नगर, वरेली (सूरत, गुजरात) पाया गया.
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इसके बाद आरोपी को पकड़ने के लिए साइबर सेल टीम महादेव मंदिर, वरेली के पास पहुंची और वहां पूरा जाल बिछाया गया. आरोपी दोपहर बाद वहां पहुंचा तो उसको टीम ने धरदबोच लिया. उस पर जिस वक्त कड़ी निगरानी रखी जा रही थी उस समय लगातार बारिश हो रही थी. बाजवूद इसके पुलिस टीम ने बारिश की परवाह किए बिना अपना निशाना साधे रखा और उसकी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले के पैतृक गांव मटियार में हुआ और 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है.
टेलरिंग के काम से पूरी नहीं हो रही थी जरूरतें: इसके बाद साल 2011 में दिल्ली आ गया था जहां कपड़े सिलने का काम करने लगा. उसका मालिक उसकी जरूरतों समय पर मजदूरी नहीं देता था. इस काम से होने वाली कमाई से वह अपनी जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहा था. फिर उसने अपने साथी के साथ मिलकर एक खौफनाक साजिश रची और अपने मालिक की पत्थरों से मारकर हत्या कर दी. इस निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन कोविड-19 के दौरान मिली पैरोल के बाद लगातार गिरफ्तारी और अदालती कार्यवाही से बचता रहा था. आरोपी शादीशुदा है और उसके 3 बच्चे हैं. आरोपी के खिलाफ पहले भी दिल्ली, हरियाणा व बिहार में हत्या, चोरी, एक्साइज एक्ट आदि के 5 मामलों में संलिप्तता पायी गई है.
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