लखनऊ: दिल्ली को आज अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया. आप नेता आतिशी मर्लेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. आतिशी से पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा नेता सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. दिल्ली की 3 महिला मुख्यमंत्रियों में से 2 का उत्तर प्रदेश से खास कनेक्शन रहा है. शीला दीक्षित और आतिशी मर्लेना यूपी की बहू रही हैं.
यूपी की बहू दिल्ली की 15 साल तक रहीं सीएम: शीला दीक्षित ने दिल्ली की सत्ता पर 15 साल राज किया. वे लगातार 3 बार 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. वैसे तो मूल रूप से पंजाब के कपूरथला की रहने वाली थीं. उनका जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ था. उनकी शादी यूपी के उन्नाव जिले में हुई थी. स्वतंत्रता सेनानी उमा शंकर दीक्षित के बेटे विनोद दीक्षित से उनकी शादी हुई थी, जो उन्नाव के उगु गांव के रहने वाले थे. उमा शंकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे. विनोद दीक्षित IAS अधिकारी थे. 20 जुलाई 2019 को 81 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया.
शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रहीं: दिल्ली के सीएम पद पर लगातार 15 साल रहने के बाद शीला दीक्षित 2014 में केरल की राज्यपाल भी बनीं. हालांकि, वे ज्यादा दिन इस पद पर नहीं रहीं और 6 महीने में ही उन्होंने केरल के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था. शीला दीक्षित 11 मार्च 2014 से 4 सितंबर 2014 तक राज्यपाल रहीं. शीला दीक्षित के सीएम कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि दिल्ली की लाइफ लाइन यानी मेट्रो ट्रेन रही है. दिल्ली मेट्रो को चलाने का श्रेय शीला दीक्षित को ही जाता है.
आतिशी मर्लेना भी हैं यूपी की बहू: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना उत्तर प्रदेश की बहू हैं. उनकी शादी 2006 में यूपी के मिर्जापुर जिले के अनंतपुर गांव के रहने वाले IIT पास इंजीनियर प्रवीण सिंह से हुई थी. प्रवीण सिंह BHU के वाइस चांसलर रहे प्रो. पंजाब सिंह के इकलौते बेटे हैं. प्रवीण वर्तमान में सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं. वह ग्रामीण अंचल में उत्थान कृषि और सामाजिक स्तर को बेहतर करने के लिए सामाजिक कार्यों को करते हैं. वे भी आप नेता हैं लेकिन, सुर्खियों से काफी दूर रहते हैं.
दिल्ली की पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज थीं, सिर्फ 52 दिन रहीं थीं मुख्यमंत्री: दिल्ली को पहली महिला मुख्यमंत्री 1998 में भाजपा नेता सुषमा स्वराज के रूप में मिली थीं. प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया. सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रहीं और विधानसभा चुनाव में भाजपा बुरी तरह हार गई. साल 1993 में जहां बीजेपी की 49 सीटें जीती थीं, वहीं 5 साल बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाई थी.
कैसे आतिशी बनीं सीएम, अरविंद केजरीवाल को क्यों देना पड़ा इस्तीफा: दिल्ली के शराब घोटाले में फंसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल 77 दिन जेल में रहे. जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था. जिसके बाद आप विधायक दल की बैठक में आतिशी मर्लेना को विधायकों ने सर्वसम्मति से अपना नेता चुना. इसके बाद आज यानी शनिवार की शाम को आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
यूपी ने अब तक दिए 9 प्रधानमंत्री: देश की आजादी के 74 साल में अब तक 15 प्रधानमंत्री बने, उनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों से जीते हैं. अब तक देश के 9 प्रधानमंत्री यूपी की अलग-अलग लोकसभा सीट से जीतकर देश की सत्ता संभाल चुके हैं. इनमें से 6 प्रधानमंत्री तो मूलरूप से यूपी के रहे हैं. इन 9 प्रधानमंत्री में पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह), चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं.
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