नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के नेताओं और उस घोटाले में आरोपित बनाए गए अन्य लोगों को जमानत मिलने का सिलसिला जारी है. इस एक सप्ताह (सोमवार से शुक्रवार तक) में ही करीब पांच लोगों को जमानत मिल चुकी है. इनमें से कई लोग आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं, तो कई लोग बिजनेसमैन भी हैं. इसलिए कह सकते हैं कि यह सप्ताह आम आदमी पार्टी के लिए बेल वीक (जमानत सप्ताह) साबित हुआ है.
शराब घोटाले के अधिकतर आरोपी अब जमानत पर बाहर आ चुके हैं. अभी इसी सप्ताह पांच लोगों को अलग अलग कोर्ट से जमानत मिली है. इनमें से केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट, समीर महेंद्रू, चनप्रीत सिंह और अरुण पिल्लई को दिल्ली हाईकोर्ट तो विनोद चौहान को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिली है. आईए जानते हैं इन लोगों के बारे में आखिर पांच लोग कौन हैं और इन पर क्या-क्या आरोप थे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाला मामले में ईडी सीबीआई दोनों ने केस दर्ज किया था. केजरीवाल पर घोटाले का किंग पेन होने का आरोप लगाया था. ईडी ने जहां केजरीवाल और उनकी पार्टी पर शराब व्यापारियों से उनको फायदा पहुंचाने के बदले 100 करोड़ रूपये की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था. साथ ही उस पैसे का गोवा और पंजाब के चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी.
समीर महेंद्रू: महेंद्रू इंडोस्पिरिट ग्रुप का मैनेजिंग डायरेक्टर है. इसको दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी बताया जाता है. आरोप है कि महेंद्रू को इस शराब घोटाले में सबसे ज्यादा फायदा हुआ. वह ना सिर्फ एक कंपनी को चला रहे थे बल्कि होलसेल और कुछ रिटेल लाइसेंस भी दिए गए. सीबीआई ने जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है उनमें महेंद्रू का भी नाम है. एफआईआर के मुताबिक समीर महेंद्रू ने मनीष सिसोदिया के करीबी को पांच करोड़ रुपये दिए थे. आबकारी नीति के निर्माण में महेंद्रू की मुख्य भूमिका बतायी जा रही है. समीर महेंद्रू को 9 सितंबर को हाई कोर्ट ने जमानत दी थी.
चनप्रीत सिंह: आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता चनप्रीत सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को समीर महेंद्रू के साथ ही जमानत दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल 12 अप्रैल को ही चनप्रीत को गिरफ्तार किया था. चनप्रीत पर आरोप लगाया गया था कि उसने गोवा के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के कैश फंड्स को मैनेज किया और चुनाव में पैसा पहुंचाया. चनप्रीत सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. वहीं सीबीआई ने दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में चनप्रीत सिंह को आरोपी बनाया था. CBI का चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि उसने 2022 में गोवा के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रचार के लिए नकद पैसे का इंतजार किया था.
अरुण पिल्लई: दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपी अरुण पिल्लई को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को जमानत दी. ईडी ने अरुण पिल्लई को 6 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था. ईडी ने पूरक चार्जशीट में अरुण पिल्लई को आरोपी बनाया था. चार्जशीट में कहा गया था कि पिल्लई ने जांच के दौरान झूठा बयान दिया. पिल्लई ने साक्ष्यों को नष्ट करने में भी अहम भूमिका निभाई. दो साल में उसने पांच मोबाइल फोन नष्ट किए. इसके साथ पिल्लई पर आरोप है कि उसने दूसरे आरोपी समीर महेंद्रू से रिश्वत की रकम इकट्ठा कर दूसरे आरोपियों को दिया था.
विनोद चौहान: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी विनोद चौहान को 12 सितंबर को जमानत दी. जांच एजेंसी ईडी ने आरोपी विनोद चौहान के पास से 1.06 करोड़ रुपये कैश जब्त किए थे. ईडी ने कोर्ट में दावा किया था कि विनोद चौहान को पता था कि ये पैसा दिल्ली शराब घोटाले से अपराध की आय है. चौहान पर ये भी आरोप है कि उसने साउथ ग्रुप से पैसा लेकर आप को गोवा में चुनाव प्रचार के लिए दिया. कोर्ट ने 9 जुलाई को चौहान के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने 28 जून को इस मामले में आठवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें चौहान को आरोपी बनाया गया था. इसको ईडी ने 4 मई को गोवा से गिरफ्तार किया था.
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