नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा पेश किया गया बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा है, झूठे वादों के इलावा बजट में कुछ नहीं है. दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के हिस्से में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए अपने बजट में दिल्ली नगर निगम को मात्र 8,423 करोड़ रुपए दिए हैं. पिछले साल भी करीब इतनी ही राशि दी थी.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हमने देखा है कि कर्मचारियों अधिकारियों को पेंशन भी 2 महीने देरी से मिल रही है. यह बकाया करीब-करीब 2,000 करोड़ रुपए है. अगर दिल्ली सरकार को पेंशन और वेतन समय से देना है तो 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता अधिक थी, लेकिन दिल्ली सरकार के बजट से दिल्ली नगर निगम के डेढ़ लाख कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. क्योंकि इस साल भी उन्हें वेतन और पेंशन के लिए परेशान होना पड़ेगा. क्योंकि दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया है.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि ना तो दिल्ली सरकार ने सफाई के लिए कोई योजना घोषित की है और ना ही लैंडफिल साइट के लिए कोई योजना है. निगम चुनाव के समय केजरीवाल द्वारा लैंडफिल साइट खत्म करने के लिए 850 करोड़ रुपए देने की योजना फाइलों में ही रह गई है और निगम को एक भी रुपया नहीं मिला. कर्मचारियों को पक्का करने के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था बजट में नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले हमने देखा कि दिल्ली नगर निगम के बजट में भी कोई कर्मचारी के लिए योजना नहीं थी. ना ही अतिरिक्त फंड की बात थी बस कागजी कार्रवाई पूरी की गई है.
सिंह का कहा है कि हमारी मांग है कि दिल्ली सरकार कम से कम नगर निगम को तुरंत प्रभाव से 10,000 करोड़ रुपए का एक राहत पैकेज दे. ताकि कर्मचारियों के जो एरियर और उनके रिटायरमेंट के बाद जो बेनिफिट मिलते हैं. उसका पैसा बोनस और हेल्थ स्कीम के लिए उनके इलाज करने के लिए पैसे चाहिए होते हैं और लेकिन पैसे के न होने की वजह से उनको कैशलेस सुविधा नहीं मिल पाती.