नई दिल्ली: मालवीय नगर विधानसभा सीट नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यह दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 43 नंबर की सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र में दक्षिणी दिल्ली के साकेत, ग्रीन पार्क, सफदरजंग एनक्लेव, पंचशील एनक्लेव और हौज खास जैसे पॉश इलाके भी शामिल हैं. इसके अलावा यूसुफ सराय, खिड़की एक्सटेंशन, हौज खास गांव जैसे गांव भी आते हैं. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम पर इस जगह का नाम मालवीय नगर पड़ा.
यहां पर सबसे पहले भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान आए हुए शरणार्थी बसे. इनमें पंजाबी और सिंधी लोगों की संख्या अधिक थी. उसके बाद यहां पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के लोग भी बसने शुरू हुए. अभी इन राज्यों के लोगों की संख्या भी ठीक है. इसके अलावा वर्ष 1971 में सोवियत अफगान युद्ध के दौरान विस्थापित हुए अफगान शरणार्थी भी यहां पर आकर बसे थे.
राजनीतिक परिदृश्य: अगर मालवीय नगर विधानसभा सीट के राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो यहां पर 1993 से लेकर 2020 के चुनाव तक भाजपा को सिर्फ एक बार ही जीत मिली है. जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को तीन-तीन बार यहां के मतदाताओं ने जिताया है. भाजपा ने जीत का स्वाद दिल्ली विधानसभा के पहले चुनाव में वर्ष 1993 के दौरान चखा था. तब भाजपा के राजेंद्र गुप्ता ने मात्र 258 वोट से जीत दर्ज की थी. उसके बाद दो बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर योगानंद शास्त्री चुनाव जीते. उनके बाद एक बार डॉक्टर किरण वालिया ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की.
भाजपा ने जीत के लिए हर चुनाव में चेहरा बदला: डॉक्टर योगानंद शास्त्री दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष और शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे. वहीं, डॉक्टर किरण वालिया भी मंत्री रहीं. इसके बाद वर्ष 2013 से आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही इस सीट पर सोमनाथ भारती का कब्जा हो गया. सोमनाथ भारती तीन बार चुनाव जीतने के बाद अब चौथी बार आम आदमी पार्टी से मैदान में हैं. भारती आम आदमी पार्टी की पहली सरकार में कानून मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा जून महीने में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी सोमनाथ भारती ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन, वह भाजपा की बांसुरी स्वराज से हार गए थे. भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए हर चुनाव में चेहरा बदला. लेकिन, अभी तक उसको सफलता नहीं मिली है.
हार जीत में भूमिका: मालवीय नगर विधानसभा सीट पर पॉश कॉलोनी और सोसाइटी में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है. इसके अलावा यहां पर पूर्वांचल के कुछ लोग भी रहते हैं. इन लोगों की हार जीत में बड़ी भूमिका होती है. गौतम नगर, अर्जुन नगर, युसूफ सराय, हौज खास गांव जैसे इलाकों में पूर्वांचल के लोगों की संख्या ठीक-ठाक है.
मालवीय नगर क्षेत्र के मुद्दे: गौतम नगर से गुजरने वाले नाले की सफाई न होना, बारिश में जलभराव, पार्किंग की समस्या और ट्रैफिक जाम इस इलाके के मुख्य मुद्दे हैं.
कौन प्रत्याशी कितना भारी: भाजपा ने मालवीय नगर सीट से अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, एनडीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष और यहां के एक वार्ड से पार्षद रहे सतीश उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा है. वही, आम आदमी पार्टी से चौथी बार मौजूदा विधायक सोमनाथ भारती चुनाव लड़ रहे हैं. सोमनाथ भारती तीन बार विधायक रहने के साथ ही आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. जबकि कांग्रेस ने जितेंद्र कुमार कोचर को टिकट दिया है. तीनों ही प्रत्याशी अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हैं.
मालवीय नगर में मतदाताओं की संख्या: मालवीय नगर दक्षिण दिल्ली में एक आवासीय इलाका है. साकेत और हौज खास के बीच स्थित, इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया है. मालवीय नगर में मतदाताओं की संख्या क्या है? यहां कुल मतदाता 155712 हैं. जिस में पुरुष मतदाता 83067 हैं. जब कि महिला मतदाता 72641 हैं. इस के साथ ही अन्य मतदाता भी 4 हैं.
विधानसभा चुनाव 2020 का परिणाम: 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मालवीय नगर सीट पर AAP उम्मीदवार सोमनाथ भारती ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 57.97% वोट शेयर के साथ 52,043 वोट मिले. भारती ने भाजपा उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह को हराया, जिन्हें 37.76% वोट शेयर के साथ 33,899 वोट मिले थे.
विधानसभा चुनाव 2015 का परिणाम: 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मालवीय नगर सीट पर AAP उम्मीदवार सोमनाथ भारती ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 51196 वोट मिले. भारती ने भाजपा उम्मीदवार नंदिनी शर्मा को हराया, जिन्हें 35299 वोट मिले, जब कि कांग्रेस के उम्मीदवार योगानंद शास्त्री को सिर्फ 5555 वोट ही मिले थे.
दिल्ली में कब होगी वोटिंग व काउंटिंग? बता दें कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभा क्षेत्र हैं. निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग होगी, और 8 फरवरी को काउंटिंग होगी. चुनाव की घोषणा से पहले ही दिल्ली में सियासी सरगर्मी तेज हैं. इसी बीच राजनीतिक पार्टियों का अरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच यह सिलसिला लगातार जारी है.