नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाना की पुलिस ने राजस्थान बेस्ड एक एजेंट को गिरफ्तार किया है. जो काफी समय से फरार था. आरोपी को इंटरनेशनल फेक वीजा के मामले में पुलिस को तलाश थी. क्योंकि उसने एक शख्स को सिंगापुर का फेक वीजा बनवाकर दिया था. बाद में वह सख्स दुबई में पकड़ा गया और उसे डिपोर्ट कर दिया गया था.
डीसीपी एयरपोर्ट उषा रंगनानी ने बताया, "गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजस्थान के नागौर के रहने वाले सुनील लुना के रूप में हुई है. 2021 में दर्ज चीटिंग केस में पुलिस को इसकी तलाश थी. इसने विदेश भेजने के लिए 1.20 लाख रुपए लेकर सिंगापुर का फर्जी वीजा उपलब्ध कराया था. इसमें अकमल हुसैन नाम का शख्स जो असम का रहने वाला था उसे 22 सितंबर की रात दुबई से वापस भारत भेज दिया गया था." वापस आने पर एयरपोर्ट पुलिस ने अकमल गिरफ्तार कर लिया था.
लगातार ठिकाना बदल रहा था आरोपी: अकमल ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह वीजा सुनील लूना नाम के एक एजेंट के थ्रू बनाया था. बदले में 1.2 लाख रुपए उसे दिया था. उस समय से लगातार पुलिस की टीम एजेंट के बारे में पता लग रही थी. यह अपना ठिकाना लगातार बदल रहा था. डीसीपी ने बताया कि एसीपी एयरपोर्ट वीरेंद्र मोर की देखरेख में टीम का गठन किया गया. टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आखिरकार इस एजेंट के बारे में पता लगाया और फिर इसे राजस्थान में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया गया.
विदेश में सेटल होने के लिए धोखाधड़ी: पुलिस को पता चला कि गिरफ्तार आरोपी पहले फ्रीलांस वीडियोग्राफर के रूप में काम करता था. यह खुद US या UK में सेटल होने की जुगाड़ में लगा था. लेकिन फंड की कमी की वजह से ऐसा कर नहीं पा रहा था. इसलिए उसने इस तरह से दूसरे रास्ते से पैसा कमाने के लिए चीटिंग की शुरुआत की और उसने 1.20 लाख लेकर फर्जी वीजा थमा दिया उसके बाद से यह फरार चल रहा था.