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कोरबा में बेटे की मौत के बाद सिस्टम ने भी रुलाया, मामले में डॉक्टर को मिला नोटिस, पढ़िए पूरी खबर - Delay in postmortem

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 2, 2024, 11:19 PM IST

कोरबा में बेटे की मौत के बाद एक शख्स को उसके शव के पोस्टमार्टम के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. इस केस में डॉक्टर पर पोस्टमार्टम में देरी का आरोप लगा है. अब डॉक्टर को अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस जारी किया है.

korba Medical College Hospital
कोरबा अस्पताल पर गंभी आरोप (ETV BHARAT)
कोरबा में दिल को झकझोर देने वाला मामला (ETV BHARAT)

कोरबा: कोरबा में कुसमुंडा में बीती रात एक हादसा हुआ. इस हादसे में दीपक नाम के युवक की मौत हो गई. दीपक के शव को लेकर परिजन अस्पताल में पहुंचे. वहां मेमो प्रक्रिया में देरी की वजह से दीपक के शव का पोस्टमार्मटम नहीं हो पाया. परिजन मृतक के अंतिम संस्कार के लिए पीएम और पंचनामा की प्रक्रिया पूरी कराने घंटों तक भटकते रहे. लगभग 15 घंटे बाद उन्हें शव प्राप्त हुआ. इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और अन्य स्टाफ को नोटिस भी जारी किया है.

कोरबा में कैसे हुआ हादसा: पुलिस के मुताबिक कुसमुंडा के तीन युवक बीती रात लौट रहे थे. वो प्रगति नगर के पास सड़क हादसे का शिकार हो गए. उन्हें डायल 112 की मदद से एनटीपीसी अस्पताल लाया गया. यहां से तीनों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया. तीनों में दीपक की हालत ज्यादा खराब थी. उसकी रात 11 बजे मौत हो गई. बाकी दो लोगों का इलाज चल रहा है. दीपक के परिजनों का आरोप है कि वह इस हादसे के बाद पोस्टमार्टम के लिए कई घंटों तक भटकते रहे.

पोस्टमार्टम में देरी का लगाया आरोप: परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर पोस्टमार्टम और विभागीय प्रक्रिया में देरी का आरोप लगाया है.

"पुलिस चौकी में पहुंचे, तो बताया गया कि अस्पताल से मेमो नहीं आया है. जब अस्पताल में डॉक्टर से मुलाकात किया. तब उन्होंने बताया कि मेमो अभी बना नहीं है.यदि हमें ठीक समय पर शव मिल गया होता, तो अब तक हम अंतिम संस्कार भी कर लेते. परिवार में जवान बेटे की मौत हुई है. घर पर सभी इंतजार कर रहे हैं. रो-रो कर परिवार वालों का बुरा हाल है.": हीरु दास महंत, मृतक के मित्र

"मेमो में गलत जानकारी लिख कर दी गई थी. इसमें कारण का उल्लेख ही नहीं था. जिसके कारण हमने मेमो वापस किया. हम डॉक्टर से मिलकर भी मेमो बनवा लेते हैं, लेकिन आज जब हम डॉक्टर के पास गए तो हमें डांट कर वापस भगा दिया गया. आमतौर पर आधे से 1 घंटे में ही हमें मेमो मिल जाता है. अब तक मेमो मिल गया होता तो, हम सारी विभागीय वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर मृतक का शव परिजनों के सुपुर्द कर देते. लेकिन अब 12 से 15 घंटे का समय बीत चुका है. परिजन परेशान हो रहे हैं, बार-बार हमसे सवाल पूछ रहे हैं.": दाउद कुजूर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुलिस चौकी में पदस्थ प्रभारी

"आमतौर पर सड़क हादसों के मामले में आधे से 1 घंटे के भीतर हम पुलिस को मेमो प्रदान कर देते हैं. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण कर प्रयास रहता है की बॉडी परिजनों को जल्द सौंप दी जाए. इस मामले में मेमो प्रदान करने में देरी हुई है. लापरवाही कहां से हुई, इसके लिए सर्जिकल विभाग के एचओडी को नोटिस जारी किया है." डॉ रविकांत जाटवर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक

कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने कहा कि जांच रिपोर्ट अगले दिन दोपहर तक मिल जाएगी. लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह के मामले को संवेदनशीलता के साथ डील करने की हिदायत भी दी गई है. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस केस में कार्रवाई की बात कही गई है. अब देखना होगा कि कब इस तरह के मामलों में हमारा सिस्टम संवेदनशील होगा.

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कोरबा में कैसे हुआ हादसा: पुलिस के मुताबिक कुसमुंडा के तीन युवक बीती रात लौट रहे थे. वो प्रगति नगर के पास सड़क हादसे का शिकार हो गए. उन्हें डायल 112 की मदद से एनटीपीसी अस्पताल लाया गया. यहां से तीनों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया. तीनों में दीपक की हालत ज्यादा खराब थी. उसकी रात 11 बजे मौत हो गई. बाकी दो लोगों का इलाज चल रहा है. दीपक के परिजनों का आरोप है कि वह इस हादसे के बाद पोस्टमार्टम के लिए कई घंटों तक भटकते रहे.

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"पुलिस चौकी में पहुंचे, तो बताया गया कि अस्पताल से मेमो नहीं आया है. जब अस्पताल में डॉक्टर से मुलाकात किया. तब उन्होंने बताया कि मेमो अभी बना नहीं है.यदि हमें ठीक समय पर शव मिल गया होता, तो अब तक हम अंतिम संस्कार भी कर लेते. परिवार में जवान बेटे की मौत हुई है. घर पर सभी इंतजार कर रहे हैं. रो-रो कर परिवार वालों का बुरा हाल है.": हीरु दास महंत, मृतक के मित्र

"मेमो में गलत जानकारी लिख कर दी गई थी. इसमें कारण का उल्लेख ही नहीं था. जिसके कारण हमने मेमो वापस किया. हम डॉक्टर से मिलकर भी मेमो बनवा लेते हैं, लेकिन आज जब हम डॉक्टर के पास गए तो हमें डांट कर वापस भगा दिया गया. आमतौर पर आधे से 1 घंटे में ही हमें मेमो मिल जाता है. अब तक मेमो मिल गया होता तो, हम सारी विभागीय वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर मृतक का शव परिजनों के सुपुर्द कर देते. लेकिन अब 12 से 15 घंटे का समय बीत चुका है. परिजन परेशान हो रहे हैं, बार-बार हमसे सवाल पूछ रहे हैं.": दाउद कुजूर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुलिस चौकी में पदस्थ प्रभारी

"आमतौर पर सड़क हादसों के मामले में आधे से 1 घंटे के भीतर हम पुलिस को मेमो प्रदान कर देते हैं. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण कर प्रयास रहता है की बॉडी परिजनों को जल्द सौंप दी जाए. इस मामले में मेमो प्रदान करने में देरी हुई है. लापरवाही कहां से हुई, इसके लिए सर्जिकल विभाग के एचओडी को नोटिस जारी किया है." डॉ रविकांत जाटवर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक

कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने कहा कि जांच रिपोर्ट अगले दिन दोपहर तक मिल जाएगी. लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह के मामले को संवेदनशीलता के साथ डील करने की हिदायत भी दी गई है. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस केस में कार्रवाई की बात कही गई है. अब देखना होगा कि कब इस तरह के मामलों में हमारा सिस्टम संवेदनशील होगा.

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