देहरादून: राजधानी देहरादून में ISBT में पांच आरोपियों ने जघन्य घटना को अंजाम दिया. 13 अगस्त की रात देहरादून ISBT में पांच आरोपियों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप किया. इस घटना के बाद नाबालिग बदहवास हालत में मिली. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने जब किशोरी से पूछताछ की तो तब गैंगरेप के मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी पुलिस के पास पहुंची. उन्होंने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी.
देहरादून पुलिस ने मामले की गंभीरत को समझते हुए मुकदमा दर्ज किया. आनन फानन में जांच शुरू की गई. घटना के सभी पहलुओं की जांच करते हुए पुलिस ने जल्द ही पांचों आरोपियों तक पहुंच बनाई. जिसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया. देर शाम तक गैंगरेप के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. देहरादून गैंगरेप केस में पुलिस ने तेजी से काम करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके बाद भी कई ऐसे सवाल हैं जो अभी भी बरकरार हैं.
देहरादून गैंगरेप केस में अनसुलझे सवाल
- क्या देहरादून ISBT में सुरक्षा राम भरोसे है?
- रात 11 से 1.30 बजे के बीच घटी घटना, किसी को क्यों नहीं लगी खबर
- देहरादून ISBT में चेकिंग और चौकसी भी सवालों के घेरे में ?
- गैंगरेप की घटना के एक हफ्ते बाद साक्ष्य सबूत जुटा पाएगी पुलिस?
- 13 अगस्त से लेकर 18 अगस्त तक मामले की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी गई?
- नाबालिग बार बार पटियाला का पता पूछ रही थी, पटियाला से क्या कनेक्शन है?
- गैंगरेप की घटना को हफ्ता भर बीत गया, क्या इतने दिनों बाद बस में घटना से जुड़े साक्ष्य मिलेंगे?
- आरोपियों को उनके गुनाह की सजा दिला पाएगी उत्तराखंड पुलिस?
देहरादून गैंगरेप के पांच किरदार:देहरादून गैंगरेप मामले में पुलिस एक्शन में है. पुलिस ने मामले में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें पहला आरोपी रवि कुमार(34) निवासी नवाबगंज फर्रुखाबाद यूपी है. रवि कुमार सरकारी ड्राइवर है. दूसरा आरोपी धर्मेंद्र कुमार है, जो अनुबंधित ड्राइवर है. धर्मेंद्र कुमार हरिद्वार के बुग्गावाला का रहने वाल है. तीसरा आरोपी एक कंडेक्टर है. जिसकी पहचान देवेंद्र कुमार( 52) के रूप में हुई है. देवेंद्र भगवानपुर हरिद्वार का रहने वाला है. चौथे आरोपी की पहचान राजपाल(57) के रूप में हुई है. राजपाल भी अनुबंधित ड्राइवर है. वह बुग्गावाला हरिद्वार का रहने वा है. पांचवें आरोपी की पहचान राजेश कुमार के रूप में हुई है. राजेश कुमार डिपो का कैशियर है. वह माजरा देहरादून का रहने वाला है.बताया जा रहा है कि ड्राइवर धर्मेंद्र और कंडेक्टर देवेंद्र ही किशोरी को दिल्ली से देहरादून लेकर आये थे.
क्या था मामला? बता दें कि बीती 12 अगस्त की देर यानी 13 अगस्त की सुबह करीब 2 बजे आईएसबीटी में तैनात सुरक्षाकर्मी की सूचना पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने बदहवास हालत में मिली किशोरी को मौके से रेस्क्यू किया था. कमेटी ने किशोरी की काउंसलिंग कराई, जिसके बाद घटना का खुलासा हुआ. जिस पर सीडब्ल्यूसी की टीम ने कल यानी शनिवार 17 अगस्त को आईएसबीटी चौकी पर मुकदमा दर्ज कराया.
वहीं, उत्तराखंड के देहरादून में दिल दहला देने वाली इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों में से पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि बस से जुड़े कर्मचारी हैं. फिलहाल, पुलिस सभी आरोपियों को सख्ती से पूछताछ कर रही है.
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