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उत्तराखंड में आज मौसम ले सकता है करवट! बर्फबारी और बारिश बढ़ाएगी ठिठुरन, प्रशासन अलर्ट - RAIN AND SNOWFALL IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड में जल्द ही लोगों को सूखी ठंड से निजात मिलने वाली है. मौसम विभाग ने बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है.

RAIN AND SNOWFALL IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड मौसम (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 7, 2024, 7:38 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 8:59 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में इन दोनों सूखी ठंड पड़ रही है. जिसके चलते अस्पतालों में सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने 8 यानि आज और 9 दिसंबर को प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. मौसम विभाग की ओर से बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने की चेतावनी पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी डीएम को रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं करने के साथ ही जरूरतमंद लोगों को रजाई, कंबल बांटने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में नवंबर माह में बारिश ना के बराबर हुई. जबकि दिसंबर माह का शुरुआती हफ्ता बीच चुका है. लेकिन अभी तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है. जिसके चलते प्रदेश के मैदानी क्षेत्र से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में सूखी ठंड पड़ रही है. हालांकि, मौसम विभाग ने अगले दो दिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते प्रदेश के अस्पतालों में सर्दी-जुकाम समेत सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

उत्तराखंड में मौसम लेने जा रहा करवट (VIDEO-ETV Bharat)

रैनबसेरे की सुविधा: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तहसील स्तर पर ठंड से बचाव के लिए व्यवस्थाएं कर ली जाए. जरूरत के अनुसार रैन बसेरे शुरू करने के साथ ही रैनबसेरों में आवासहीन लोगों और परिवारों को शिफ्ट किया जाए. खासकर बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैनबसेरा की सुविधा दी जाए.

कंबल वितरण और अलाव जलाने के निर्देश: सीएम ने रजाई और कंबल भी वितरित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने को कहा है. प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी से निचले स्थानों पर भी ठंड बढ़ने के चलते जिला प्रशासन अपने स्तर से सावधानी बरतते हुए, जरूरतमंद लोगों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएं.

सूखी ठंड के शिकार हो रहे लोग: उत्तराखंड के साथ ही पूरे उत्तर भारत में बारिश न होने की वजह से प्रदेश में सूखी ठंड के साथ ही प्रदूषण का बढ़ता ग्राफ आम जनता को परेशान कर रहा है. दून अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमित कुमार ने बताया कि सूखी ठंड की वजह से सांस संबंधित समस्या, सर्दी जुकाम और बुखार के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. दिन में तेज धूप हो रही है. जबकि शाम होते-होते ठंड काफी अधिक बढ़ जा रही है. मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या लगभग हर घर में देखी जा रही है. जिसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की तादाद आम दिनों के मुकाबले दोगुना हो गई है.

बढ़ेगी ठंड: उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी का इंतजार खत्म होने जा रहा है. मौसम विभाग ने 8 यानि आज और 9 दिसंबर को प्रदेशभर में हल्की बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई है. देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कहा कि 8 और 9 दिसंबर को प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. इससे प्रदेशभर में हल्की बारिश और 2500 मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है. जिससे अगले तीन से चार दिनों में तापमान में दो-चार डिग्री की कमी आने से ठंड बढ़ेगी.

यूएसडीएमए एसीईओ ने ली बैठक: प्रदेश में ठंड बढ़ने की संभावना को देखते हुए यूएसडीएमए के एसीईओ आनंद स्वरूप ने शनिवार को राज्य के सभी 13 जिलों के साथ शीत लहर की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के दौरान एसीईओ ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही कहा कि अगर जरूरत महसूस हो तो इनकी संख्या को बढ़ाया जाए.

इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दि. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जनपदों को शीत लहर से बचाने के लिए 10-10 लाख रुपये की धनराशि जारी की है. इस धनराशि का उपयोग बेहतर ढंग से किया जाए ताकि लोगों को ठंड के मौसम में राहत मिल सके.

राशन स्टॉक के निर्देश: एसीईओ आनंद स्वरूप ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने और वहां योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जिन स्थानों में राशन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है, वहां अगले दो से तीन माह का राशन पहले ही स्टॉक कर लिया जाए. उन्होंने बर्फबारी के कारण अवरुद्ध होने वाले मार्गों को खोलने के लिए सभी उपकरण जैसे जेसीबी मशीन, पोकलैंड मशीन, स्नो कटर मशीन और बर्फ में फंसे वाहनों को निकालने के लिए चेन आदि की व्यवस्था कर लें.

निराश्रित पशुओं का पशुपालन विभाग को जिम्मा: वहीं, यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी ने कहा कि शीतलहर के दौरान आवारा और निराश्रित पशुओं की भी चिंता करने की जरूरी है. उन्होंने कहा कि सभी जिले इस दिशा में पशुपालन विभाग के साथ समन्वय बनाकर निराश्रित पशुओं के ठहरने के लिए जगह चिन्हित करें.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में जल्द बरसेंगे बदरा, मौसम में होगा बड़ा बदलाव, बर्फबारी की संभावना

देहरादूनः उत्तराखंड में इन दोनों सूखी ठंड पड़ रही है. जिसके चलते अस्पतालों में सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने 8 यानि आज और 9 दिसंबर को प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. मौसम विभाग की ओर से बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने की चेतावनी पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी डीएम को रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं करने के साथ ही जरूरतमंद लोगों को रजाई, कंबल बांटने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में नवंबर माह में बारिश ना के बराबर हुई. जबकि दिसंबर माह का शुरुआती हफ्ता बीच चुका है. लेकिन अभी तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है. जिसके चलते प्रदेश के मैदानी क्षेत्र से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में सूखी ठंड पड़ रही है. हालांकि, मौसम विभाग ने अगले दो दिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते प्रदेश के अस्पतालों में सर्दी-जुकाम समेत सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

उत्तराखंड में मौसम लेने जा रहा करवट (VIDEO-ETV Bharat)

रैनबसेरे की सुविधा: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तहसील स्तर पर ठंड से बचाव के लिए व्यवस्थाएं कर ली जाए. जरूरत के अनुसार रैन बसेरे शुरू करने के साथ ही रैनबसेरों में आवासहीन लोगों और परिवारों को शिफ्ट किया जाए. खासकर बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैनबसेरा की सुविधा दी जाए.

कंबल वितरण और अलाव जलाने के निर्देश: सीएम ने रजाई और कंबल भी वितरित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने को कहा है. प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी से निचले स्थानों पर भी ठंड बढ़ने के चलते जिला प्रशासन अपने स्तर से सावधानी बरतते हुए, जरूरतमंद लोगों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएं.

सूखी ठंड के शिकार हो रहे लोग: उत्तराखंड के साथ ही पूरे उत्तर भारत में बारिश न होने की वजह से प्रदेश में सूखी ठंड के साथ ही प्रदूषण का बढ़ता ग्राफ आम जनता को परेशान कर रहा है. दून अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमित कुमार ने बताया कि सूखी ठंड की वजह से सांस संबंधित समस्या, सर्दी जुकाम और बुखार के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. दिन में तेज धूप हो रही है. जबकि शाम होते-होते ठंड काफी अधिक बढ़ जा रही है. मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या लगभग हर घर में देखी जा रही है. जिसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की तादाद आम दिनों के मुकाबले दोगुना हो गई है.

बढ़ेगी ठंड: उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी का इंतजार खत्म होने जा रहा है. मौसम विभाग ने 8 यानि आज और 9 दिसंबर को प्रदेशभर में हल्की बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई है. देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कहा कि 8 और 9 दिसंबर को प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. इससे प्रदेशभर में हल्की बारिश और 2500 मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है. जिससे अगले तीन से चार दिनों में तापमान में दो-चार डिग्री की कमी आने से ठंड बढ़ेगी.

यूएसडीएमए एसीईओ ने ली बैठक: प्रदेश में ठंड बढ़ने की संभावना को देखते हुए यूएसडीएमए के एसीईओ आनंद स्वरूप ने शनिवार को राज्य के सभी 13 जिलों के साथ शीत लहर की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के दौरान एसीईओ ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही कहा कि अगर जरूरत महसूस हो तो इनकी संख्या को बढ़ाया जाए.

इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दि. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जनपदों को शीत लहर से बचाने के लिए 10-10 लाख रुपये की धनराशि जारी की है. इस धनराशि का उपयोग बेहतर ढंग से किया जाए ताकि लोगों को ठंड के मौसम में राहत मिल सके.

राशन स्टॉक के निर्देश: एसीईओ आनंद स्वरूप ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने और वहां योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जिन स्थानों में राशन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है, वहां अगले दो से तीन माह का राशन पहले ही स्टॉक कर लिया जाए. उन्होंने बर्फबारी के कारण अवरुद्ध होने वाले मार्गों को खोलने के लिए सभी उपकरण जैसे जेसीबी मशीन, पोकलैंड मशीन, स्नो कटर मशीन और बर्फ में फंसे वाहनों को निकालने के लिए चेन आदि की व्यवस्था कर लें.

निराश्रित पशुओं का पशुपालन विभाग को जिम्मा: वहीं, यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी ने कहा कि शीतलहर के दौरान आवारा और निराश्रित पशुओं की भी चिंता करने की जरूरी है. उन्होंने कहा कि सभी जिले इस दिशा में पशुपालन विभाग के साथ समन्वय बनाकर निराश्रित पशुओं के ठहरने के लिए जगह चिन्हित करें.

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Last Updated : Dec 7, 2024, 8:59 PM IST
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