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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के दो सह-आरोपियों की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज - DELHI HIGH COURT SATYENDRA JAIN

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 1 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के दो सह-आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत देने से इन्कार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी चाहें तो नियमित जमानत की अपील कर सकते हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट (Etv bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के दो सह-आरोपियों की डिफॉल्ट जमानत खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट अधूरी है, ऐसे में आरोपियों को डिफॉल्ड जमानत पाने का हक नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी चाहें तो नियमित जमानत याचिका दायर कर सकते हैं.

इस मामले में सत्येंद्र जैन न्यायिक हिरासत में हैं. सत्येंद्र जैन ने हाल ही में राऊज एवेन्यू कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की है. उनकी याचिका पर कोर्ट 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीसीटीवी कैमरा लगाने में करोड़ो रिश्वत लेने का आरोप, LG ने मामले की जांच की सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी

इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है.

ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था. 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया था. ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन आदि को आरोपी बनाया है.

ये भी पढ़ें: सत्येंद्र जैन को झटका! सुप्रीम कोर्ट का जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार, दिल्ली हाईकोर्ट लेगा फैसला

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के दो सह-आरोपियों की डिफॉल्ट जमानत खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट अधूरी है, ऐसे में आरोपियों को डिफॉल्ड जमानत पाने का हक नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी चाहें तो नियमित जमानत याचिका दायर कर सकते हैं.

इस मामले में सत्येंद्र जैन न्यायिक हिरासत में हैं. सत्येंद्र जैन ने हाल ही में राऊज एवेन्यू कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की है. उनकी याचिका पर कोर्ट 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

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इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है.

ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था. 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया था. ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन आदि को आरोपी बनाया है.

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